LS Polls 2024 Result: सलाखों के पीछे से जबरदस्त सियासत, पंजाब में खालिस्तानी आतंकी अमृतपाल सिंह को बड़ी बढ़त
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LS Polls 2024 Result: सलाखों के पीछे से जबरदस्त सियासत, पंजाब में खालिस्तानी आतंकी अमृतपाल सिंह को बड़ी बढ़त

Punjab LS Polls 2024 Result: लोकसभा चुनाव के नतीजों का रुझान सभी को चौंका रहा है. पंजाब से सियासत का अलग ही रंग देखने को मिल रहा है. राज्य की खडूर साहिब सीट से चुनावी दम भर रहे खालिस्तानी आतंकवादी अमृतपाल सिंह ने सभी को चौंका दिया है.

LS Polls 2024 Result: सलाखों के पीछे से जबरदस्त सियासत, पंजाब में खालिस्तानी आतंकी अमृतपाल सिंह को बड़ी बढ़त

Punjab LS Polls 2024 Result: लोकसभा चुनाव के नतीजों का रुझान सभी को चौंका रहा है. पंजाब से सियासत का अलग ही रंग देखने को मिल रहा है. राज्य की खडूर साहिब सीट से चुनावी दम भर रहे खालिस्तानी आतंकवादी अमृतपाल सिंह ने सभी को चौंका दिया है. वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल को जनता का भर-भर कर प्यार मिला है. खबर लिखे जाने तक वह 1 लाख से अधिक वोटों की बढ़त के साथ सभी दलों से आगे चल रहा था. आइये जानते हैं अमृतपाल सिंह कौन है.. और उसकी चर्चा क्यों हो रही है.

जेल से अमृतपाल जीत रहा चुनाव!

पंजाब लोकसभा चुनाव में दो निर्दलीय उम्मीदवारों के जीतने की संभावना है. इनमें से ही एक है अमृतपाल सिंह. अमृतपाल की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तारी हुई थी. अमृतपाल वर्तमान में डिब्रूगढ़ की जेल में बंद हैं. कहा जा रहा है कि अमृतपाल के मजबूत प्रदर्शन से संकेत मिल रहे हैं कि इस चुनाव के नतीजे आने के बाद कट्टरपंथी राजनीति की वापसी देखने को मिल सकती है.

अनसुलझे मुद्दों ने बना दिया स्वयंभू नेता

अमृतपाल सिंह को मिल रही इस बढ़त के पीछे पंजाब के कई अनसुलझे मुद्दे हो सकते हैं. जिनमें एसवाईएल समझौते के अनुसार नदी के पानी का बंटवारा. 1984 के सिख विरोधी दंगे के पीड़ितों के लिए न्याय और 30 साल से ज़्यादा जेल में बंद सिख राजनीतिक कैदियों की रिहाई शामिल है. ये ऐसे मुद्दे हैं जिनकी वजह से रह-रह कर असंतोष बढ़ता है और अमृतपाल सिंह जैसे स्वयंभू नेता उभरते हैं.

नशा विरोधी अभियान का मिल रहा फायदा

अमृतपाल सिंह ने नशा विरोधी अभियान और खालिस्तान की वकालत कर लोगों का ध्यान खींचा था. अमृतपाल सिंह के जेल रहने के दौरान उनके परिवार और दोस्तों ने उनके लिए प्रचार किया. इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि अमृतपाल के लिए चुनाव प्रचार करने वालों ने खालिस्तान का जिक्र करने से परहेज किया था.

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