लोकसभा चनाव 2019: उत्तराखंड में खंडूरी, महाराज ने बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन से बनाई दूरी
Advertisement

लोकसभा चनाव 2019: उत्तराखंड में खंडूरी, महाराज ने बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन से बनाई दूरी

पिछले करीब तीन दशक से खंडूरी का गढ़ बन चुकी पौड़ी सीट से इस बार खंडूरी की जगह उनके खासमखास रावत को चुनावी समर में उतारा गया है.

नामांकन में मौजूद रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई नेता मौजूद रहे...

देहरादून: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पौड़ी संसदीय क्षेत्र से शुक्रवार को बीजेपी प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत के नामांकन के दौरान इस सीट से वर्तमान सांसद और रावत के राजनीतिक गुरु भुवन चंद्र खंडूरी तथा विधायक सतपाल महाराज की गैरमौजूदगी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई. पिछले करीब तीन दशक से खंडूरी का गढ़ बन चुकी पौड़ी सीट से इस बार खंडूरी की जगह उनके खासमखास रावत को चुनावी समर में उतारा गया है, जहां उनका मुकाबला हाल में कांग्रेस में शामिल हुए खंडूरी के पुत्र मनीष से होने की प्रबल संभावना है. 

मनीष के कांग्रेस का दामन थामने को खंडूरी की बीजेपी से नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है और ऐसे में रावत के नामांकन से खंडूरी के दूरी बनाये जाने से राजनीतिक प्रेक्षक इसके खास मायने निकाल रहे हैं. हांलांकि नामांकन में मौजूद रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और बीजेपी प्रत्याशी तीरथ सिंह ने इसे ज्यादा तूल नहीं दिया और कहा कि खंडूरी का समर्थन उनके साथ है. 

नामांकन के बाद तीरथ सिंह ने कहा, "खंडूरीजी स्वास्थ्य कारणों से यहां नहीं आ पाए. मैं उनसे मिला था और उन्होंने मुझे अपना आशीर्वाद दिया है. वह मेरे समर्थन में यहां एक रैली जरूर करेंगे."  वहीं मुख्यमंत्री रावत ने इस संबंध में कहा, "खंडूरीजी ने कहा है कि भले ही मनीष उनके पुत्र हों लेकिन तीरथ सिंह उनके बड़े बेटे के समान हैं."

 

हांलांकि खंडूरी की बेटी और यमकेश्वर से विधायक ऋतु बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन के दौरान मौजूद थीं. इसके अलावा पौड़ी से टिकट के एक अन्य दावेदार रहे और प्रदेश कैबिनेट में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी भाजपा प्रत्याशी के नामांकन से दूर रहे, जिसे उनकी नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है. इस संबंध में पूछे जाने पर भाजपा के मीडिया प्रमुख डॉ़ देवेंद्र भसीन ने इन खबरों को गलत बताया और कहा कि पिछले कई दिनों से प्रदेश के बाहर के कार्यक्रमों में अपनी व्यस्तता के चलते महाराज नामांकन में शामिल नहीं हो पाए.

Trending news