Misinformation About Heart Health: हमारे शरीर का बेहद नाजुक अंग है हमारा दिल. इसकी सेहत से जुड़ी 5 ऐसी गलत जानकारियां समाज में प्रचलित हैं, जिनपर आपको भूलकर भी यकीन नहीं करना चाहिए वरना आपकी जान भी जा सकती है.
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Misconceptions about Heart Attack: आजकल खराब लाइफस्टाइल और खानपान में गड़बड़ी की वजह से हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. पहले समझा जाता था कि यह खतरा 50 साल से ऊपर वाले लोगों को ही होता है लेकिन आजकल 18 साल तक के युवाओं में हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं. आज हम आपको हार्ट अटैक से जुड़ी कई ऐसी भ्रांतियों के बारे में बताते हैं, जिन्हें आप जितना जल्दी दूर कर लेंगे, आपकी सेहत के लिए उतना ही अच्छा रहेगा.
हार्ट अटैक के बारे में गलतफहमियां (Misinformation About Heart Health)
डायबिटीज की दवा से हार्ट की सुरक्षा
डायबिटीज और हार्ट अटैक की समस्या एक- दूसरे से जुड़ी हुई लेकिन अलग-अलग समस्याएं हैं. डायबिटीज होने पर हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है. इसके बावजूद डायबिटीज की दवा के सेवन से हार्ट अटैक से सुरक्षा नहीं मिलती. ऐसे में अगर आपको हार्ट की कोई समस्या होती है तो आपको स्पेशलिस्ट डॉक्टर से मिलकर हार्ट की दवा ही लेनी चाहिए.
छोटे हार्ट अटैक से जान को खतरा नहीं
काफी लोग ये मानते (Misinformation About Heart Health) हैं कि माइनर हार्ट अटैक से कोई खतरा नहीं होता. ऐसी सोच सही नहीं है. हार्ट अटैक केवल हार्ट अटैक ही होता है. इसे छोटे या बड़े हार्ट अटैक के रूप में नहीं तोला जा सकता. लिहाजा जब भी कोई हार्ट अटैक आए तो तुरंत स्पेशलिस्ट डॉक्टर से इलाज करवाकर हमेशा उसकी सलाह का पालन करना चाहिए.
सिर्फ चेस्ट पेन ही हार्ट डिजीज का है संकेत
आमतौर पर जब हार्ट अटैक (Misinformation About Heart Health) आता है तो छाती में तेज दर्द और सांस लेने में घुटन होने लगती है. लेकिन जरूरी नहीं कि हमेशा ये लक्षण दिखाई ही दें. कई बार छाती में दर्द नहीं होता बल्कि गर्दन या जबड़े में ऐंठन होने लगती है. वहीं कई बार शरीर में कहीं दर्द का अहसास नहीं होता. इसके बावजूद हार्ट अटैक आ जाता है. इसलिए हमेशा सतर्क रहें और बीच-बीच में अपनी जांच करवाते रहें.
40 के बाद ही जांच करवाना ठीक
काफी लोग कहते हैं कि अक्सर 40 साल के बाद ही हार्ट अटैक का खतरा शुरू होता है. इसलिए 40 से पहले हार्ट की जांच करवाने का खास फायदा नहीं होता. यह एक गलत सोच है. एक स्टडी के मुताबिक आजकल के दौर में 20 साल की उम्र से ही कोलेस्ट्रॉल की जांच शुरू करवा देनी चाहिए. जैसे ही बॉडी में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता दिखाई दे तो तुरंत किसी स्पेशलिस्ट डॉक्टर से मिलकर इलाज शुरू करवाना चाहिए.
हार्ट प्रॉब्लम में उबले भोजन से फायदा
जब किसी को हार्ट प्रॉब्लम (Misinformation About Heart Health) शुरू होती है तो लोग अक्सर उसे उबला हुआ भोजन खाने की सलाह देते हैं. उससे नमक, मसाले और तेल वाली चीजें खाने से मना किया जाता है. डॉक्टरों के मुताबिक हृदय रोग शुरू होने के बाद तली-भुनी चीजों का प्रयोग कम कर देना सेहत के लिए सही है लेकिन पूरी तरह उबला हुआ भोजन ही खाया जाए, यह भी सही नहीं होता है. इससे शरीर में दूसरी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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