अगर आप सोचते हैं कि RO फिल्टर वाला पानी आपके लिए सबसे अच्छा है, तो फिर से सोचें. विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि ज्यादा शुद्ध पानी वास्तव में आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है.
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अगर आप सोचते हैं कि RO फिल्टर वाला पानी आपके लिए सबसे अच्छा है, तो फिर से सोचें. विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि ज्यादा शुद्ध पानी आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. उनका कहना है कि अगर आपको RO वाटर फिल्टर लगवाना ही है, तो ये सुनिश्चित करना होगा कि पानी में कुल घुलनशील ठोस पदार्थ (TDS) 200-250 मिलीग्राम प्रति लीटर होने चाहिए, ताकि कैल्शियम और मैग्नीशियम सहित सभी आवश्यक मिनरल्स मौजूद रहें.
हाल ही में आरओ सिस्टम पर आयोजित एक वेबिनार में प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अतुल वी मालधुरे ने बताया कि अशुद्धियों को दूर करने के अलावा, RO फायदेमंद मिनरल्स को भी हटा सकता है. WHO ने भी RO फिल्टर के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी है. 2019 में डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि RO मशीनें पानी साफ करने में बहुत कारगर हैं, लेकिन ये कैल्शियम और मैग्नीशियम को भी हटा देती हैं, जो एनर्जी पैदा करने वाले तत्व हैं. इसलिए, RO फिल्टर द्वारा उत्पादित आवश्यक तत्वों के बिना एसिडिक पानी का लंबे समय तक सेवन करना सेहत के लिए बहुत खराब है.
उबालकर पीना चाहिए पानी
सर गंगा राम अस्पताल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के प्रमुख डॉ. अनिल अरोड़ा ने कहा कि RO पानी के बजाय, लोगों को नाइट्रेट जैसे अशुद्धियों को छानने के बाद उबला हुआ पानी पीना चाहिए. उन्होंने बताया कि उबालने से केवल बैक्टीरिया, वायरस और फंगस ही मरेंगे. उन्होंने याद दिलाया कि चेकोस्लोवाकिया और स्लोवाकिया में पांच साल तक RO पानी को अनिवार्य बनाने के बाद, वहां के अधिकारियों ने लोगों को मांसपेशियों में थकान, ऐंठन, शरीर में दर्द, याददाश्त कमजोर होना आदि की शिकायत करते हुए पाया, जिसका कारण मिनरल्स की कमी थी.
क्या है WHO की सिफारिश?
WHO ने प्रति लीटर पानी में 30 मिलीग्राम कैल्शियम, 30 मिलीग्राम बाइकार्बोनेट और 20 मिलीग्राम मैग्नीशियम की सिफारिश की है. मेदांता अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट (गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) डॉ. अश्विनी सेठिया ने टीओआई को बताया कि RO वाटर फिल्टर रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और गंदगी को तो छान देता है, लेकिन हमें जरूरी मिनरल्स से वंचित होकर इसकी कीमत चुकानी पड़ती है. हालांकि, इसका कोई पूर्ण समाधान नहीं है, लेकिन कॉटन फिल्टर से छानने के बाद 20 मिनट तक पानी उबालना एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
डॉ सेठिया ने आगे कहा कि पानी में मौजूद सूक्ष्म तत्व हमारे हार्मोन्स और एंजाइम का हिस्सा होते हैं. यदि इन्हें नहीं लिया गया, तो शरीर काफी हद तक प्रभावित हो सकता है. ऐसे अभाव के सामान्य लक्षणों में थकान और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता शामिल हैं.
क्या हो सकती हैं समस्याएं?
'आरओ पानी के सेवन के कारण मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव' शीर्षक से एक अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि लंबे समय में, यह ऑस्टियोपोरोसिस, गठिया, डिप्रेशन, मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन, हड्डियों का नुकसान और बालों के झड़ने का कारण बनता है. 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उन सभी आरओ निर्माताओं को जल शोधक पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी करने का निर्देश दिया गया था, जहां पानी में टीडीएस का स्तर 500 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है.