Cancer in Women: भारत में हम महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति काफी कम जागरूक रहते हैं, यही वजह है कि देश में ब्रेस्ट कैंसर के मामले काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं, लेकिन उतनी संख्या में टेस्ट नहीं किए जाते हैं.
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Breast Cancer in India: दुनियाभर की तरह भारत की महिलाओं के लिए भी सबसे खतरनाक कैंसर स्तन कैंसर हैं. पूरे मुल्क में हर साल तकरीबन 75,000 से ज्यादा महिलाएं इसका शिकार हो जाती हैं. लेकिन NFHS-5 सर्वे को आधार मानें तो देश की महिलाओं का ब्रेस्ट कैंसर का टेस्ट, गर्भाशय और मुंह के कैंसर से भी कम हो रहा है.
NFHS-5 के हाल ही में जारी हुए National Family Health Survey में पहली बार कैंसर के स्क्रीनिंग टेस्ट को शामिल किया गया. सर्वे में पता चला कि जिस कैंसर से महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा देखा जा रहा है, उससे बचने के लिए सबसे कम टेस्ट हो रहे हैं. गर्भाशय के कैंसर (Uterine Cancer) के मामले में जहां 1000 में से 12 महिलाएं टेस्ट करवाती हैं वहीं स्तन कैंसर (1000 में से 6) के मामले में ये दर आधी है.
दुनिया के साथ-साथ भारत में भी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिले हैं. ऐसे में स्तन कैंसर के सबसे कम टेस्ट होना खतरनाक संकेत दे रहा है. ये सर्वे ये भी बताता है कि स्तन कैंसर के मामले में जनता और सरकारों के बीच और जागरुकता की जरूरत है.
कैंसर का स्क्रीनिंग टेस्ट (महिला) 15-49 साल की महिलाए % में
गर्भाशय (Uterine Cancer) 1.2
स्तन (Breast Cancer) 0.6
मुंह (Oral Cancer) 0.7
(Source: NFHS-5)
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में दुनिया भर में 23 लाख महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले सामने आए. वहीं 6.85 लाख मरीजों की मौत भी हो गई. हर चार में से एक मरीज (28%) को स्तन कैंसर छीन ले गया. पिछले कुछ समय से स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा फैलने वाला कैंसर हो गया है. 2016-2020 के 5 सालों में 78 लाख महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित पाई गईं.
राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान और अनुसंधान केंद्र (National Centre for Disease Informatics and Research) की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में स्तन कैंसर के मामलों में साल दर साल बढ़ोतरी हो रही है. वहीं गर्भाशय के कैंसर के मामलों में मामूली गिरावट आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में हर एक लाख महिलाओं में 29.9 कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं. इनमें से 11.1 महिलाओं की मौत हो जाती है.
(कैंसर का प्रकार) (1 लाख की आबादी में केस) (1 लाख की आबादी में मौत)
स्तन कैंसर (महिला) 29.9 11.1
(Source: National Cancer Registry Program 2020)
National Cancer Registry Program में ये भी पाया गया कि हैदराबाद में हर एक लाख महिलाओं में से 48 में ब्रेस्ट कैंसर पाया गया है. चेन्नई (42.2), बंगलौर (40.5), दिल्ली (38.6) और पटियाला (36.9) शहरों में भी स्तन कैंसर के मामले राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है.
हैदराबाद- 48
चेन्नई- 42.2
बंगलौर- 40.5
दिल्ली- 38.6
पटियाला- 36.9
भारत- 29.9
राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2025 तक भारत में कुल कैंसर पीड़ितों की संख्या 15 लाख के पार हो जाएगी. जिसका सबसे ज्यादा शिकार तम्बाकू का सेवन (27.1%) करने वाले होंगे. आमाशय (19.8%) और स्तन कैंसर (14.8%) क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रह सकते हैं.
(कैंसर के प्रकार) (साल 2025 में पीड़ितों की संख्या) (पीड़ितों का प्रतिशत)
तम्बाकू संबधित 4.27 लाख 27.1 %
आमाशय 3.10 लाख 19.8 %
स्तन कैंसर 2.32 लाख 14.8 %
कुल 15.7 लाख
(Source: National Cancer Registry Program 2020)
स्तन कैंसर के लक्षणों में सबसे आम स्तन में दर्द रहित गांठ या स्तन के आकार में बदलाव देखा जाता है. इसलिए यह जरूरी है कि स्तनों में असामान्य गांठ पाए जाने पर महिलाएं 1-2 महीने के भीतर ही डॉक्टरी सलाह लें.
-एक स्तन में गांठ या मोटा होना
-स्तन के आकार या रूप में परिवर्तन
-त्वचा में डिंपल, लाली, पिटिंग या अन्य परिवर्तन
-निप्पल की उपस्थिति में परिवर्तन
-निप्पल (एरिओला) के आसपास की त्वचा में बदलाव
-निप्पल से असामान्य डिस्चार्ज