Jammu Kashmir News: कश्मीर के बजाय जम्मू को क्यों निशाना बना रहे आतंकी? ये हैं 3 वजहें, स्लीपर्स सेल दे रहे मदद
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Jammu Kashmir News: कश्मीर के बजाय जम्मू को क्यों निशाना बना रहे आतंकी? ये हैं 3 वजहें, स्लीपर्स सेल दे रहे मदद

Jammu Kashmir Doda Attack: आतंकियों ने कश्मीर के बजाय अब जम्मू को नया ठिकाना क्यों बना लिया है. आपकी यह बात काफी अखर रही होगी. आज हम आपको इसकी 3 वजहें बताते हैं.

Jammu Kashmir News: कश्मीर के बजाय जम्मू को क्यों निशाना बना रहे आतंकी? ये हैं 3 वजहें, स्लीपर्स सेल दे रहे मदद

Why terrorists attacking in Jammu areas: वर्ष 2017 में अमरनाथ यात्रा पर हमले के बाद सेना ने ऑपरेशन ऑलआउट लॉन्च किया था. मक़सद इसके नाम में ही था- आतंकियों का टोटल सफाया. 2019 में 370 हटने के बाद सेना ने ऑलआउट और तेज किया. दो साल में दावे होने लगे कि कश्मीर में उंगलियों पर गिनने जितने आतंकी बचे हैं. लेकिन अब सवाल आ रहा है कि आतंकी मिट गये थे या पीछे हट गये थे? डर के भागे थे या मौके के इंतजार में छिप गये थे?

जंगल का चप्पा चप्पा छान रही पुलिस

जम्मू में एक के बाद एक आतंकी हमलों से सवाल उठ रहा है कि क्या आतंक का अड्डा अब कश्मीर से जम्मू शिफ्ट हो चुका है? डोडा की मुठभेड़ में 4 जवानों की शहादत के बाद सर्च ऑपरेशन जारी है. अंदेशा है 2 से 3 आतंकी डोडा के जंगल में ही कहीं छिपे हुए हैं. जंगल में कई पुरानी गुफ़ाएं हैं, हो सकता है वहीं से आए हों और वहीं छिपे हों. सेना जंगल में घुसी हुई है. उसके हेलीकॉप्टर भी चप्पा-चप्पा छान रहे हैं.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू के आतंक का सेंटर बनने के कई सबूत हैं. पहला सबूत हमलों के आंकड़े हैं. 5 अगस्त 2019 की तारीख को मानक मानें, तो पहले के 4 वर्षों के मुक़ाबले बाद के 4 वर्षों में आतंकियों की गिरफ्तारी 71% बढ़ी है.  इसी तरह आतंकियों के हमला करके भागने की वारदातें बाद के 4 वर्षों में 43% बढ़ी हैं. पहले के 4 वर्षों की बजाए बाद के 4 साल में आतंकियों की भर्ती में 39% बढ़ोतरी हुई है.

जम्मू को क्यों टारगेट कर रहे आतंकी?

आतंकियों ने कश्मीर की बजाए जम्मू को अपनी जान की फिक्र के लिये ही नहीं, बल्कि मक़सद के लिहाज़ से भी चुना है. जम्मू शिफ्टिंग की जो 3 वजह हैं, वो हैं टारगेट के लिये ज़्यादा हिंदू आबादी. कश्मीर के मुक़ाबले कम सुरक्षा बल और छिपने के लिये ज़्यादा सुरक्षित जंगल. 

आतंक का हॉटस्पॉट कश्मीर से जम्मू शिफ्ट होने की पुष्टि ताज़ा आतंकी हमलें से भी हो रही है. बैक टू बैक जम्मू में ही आतंकी हमले होना कोई संयोग नहीं है. आतंकियों की स्ट्रेटजी कुछ ऐसी है कि तुम नया कश्मीर बनाओगे तो हम जम्मू को कश्मीर बना देंगे. तुम घर वापसी कराओगे, तो हम जम्मू को हिन्दुओं से खाली करा देंगे.

ओवरग्राउंड वर्कर्स नेटवर्क को तोड़ना बड़ी चुनौती

ये आधिकारिक जानकारी है कि जम्मू संभाग में 7 आतंकी ग्रुप एक्टिव हैं. 4 ग्रुप डोडा और किश्तवाड़ में सक्रिय हैं. 3 आतंकी ग्रुप पुंछ-राजौरी में एक्टिव हैं. इनमें कई भाड़े के विदेशी आतंकवादी हैं. ये सातों आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की ही फ्रेंचाइज़ी हैं. इनमें कश्मीर टाइगर्स (KT), द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) और जम्मू कश्मीर एंड गजनवी फोर्स (JKGF) सबसे अहम हैं.

डोडा और कठुआ के हमलों की ज़िम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स ने ही ली है. जम्मू में सीमा-पार लॉन्च पैड पर 60 से 70 आतंकी हैं, ये खुलासा भी हो चुका है.जम्मू में बड़ा चैलेंज आतंकियों का ओवरग्राउंड वर्कर्स नेटवर्क भी है, जो उन्हें सीमा पार कराता है, पनाह देता है और हमले के बाद जंगल तक गाइड करता है.

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