West Bengal Politics: सूत्रों के मुताबिक अधीर ने सोनिया गांधी को जो रिपोर्ट दी है जिसमें अल्पसंख्यक वोटों के ध्रुवीकरण का जिक्र है. इसी में उन्होने अपनी हार का विस्तार से वर्णन किया है. अधीर रंजन पर TMC की तरफ से भी बयान सामने आया है. बंगाल सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा है कि 'हारने वाले को हार का बहाना चाहिए'.
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Adhir Ranjan Chowdhury Vs Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की सियासत में (West Bengal Politics) कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव में अपनी हार के लिए TMC के साथ-साथ कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया है. अधीर रंजन ने आरोप लगाया की पश्चिम बंगाल में साम्प्रदायकि राजनीति का प्रवेश हो गया है. जिससे कांग्रेस को नुकसान और बीजेपी को फायदा हुआ. अधीर ने अपनी हार के लिए राहुल और खरगे पर भी निशाना साधा. अधीर बाबू ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस चुनाव में उन्हें संगठन से कोई सहयोग नहीं मिला और ना ही किसी नेता को वहां प्रचार के लिए भेजा गया. जिसकी वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. सूत्रों के मुताबिक अधीर ने सोनिया गांधी को एक लिखित रिपोर्ट दी है जिसमें अल्पसंख्यक वोटों के ध्रुवीकरण का जिक्र है. जिसमें उन्होने अपनी हार का सच बयान किया है.
'हारने वाले को हार का बहाना चाहिए'
अधीर रंजन पर TMC की तरफ से भी बयान सामने आया है. TMC नेता और बंगाल सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा है कि 'हारने वाले को हार का बहाना चाहिए'.
बंगाल में 'बागी' बनेंगे अधीर?
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी भले ही बंपर 99 सीटें हासिल करने में कामयाब हो गई. लेकिन कांग्रेस पार्टी के फायर ब्रांड नेता अधीर रंजन मुर्शिदाबाद की बहरामपुर सीट पर जीत का झंडा गाड़ने में कामयाब नहीं हो पाए. और रह-रह कर उसका दर्द छलक पड़ता है. जिस चौधरी ने लोकसभा में बीजेपी से लोहा लिया उनकी हालत ऐसी होगी ये खुद उन्होंने भी न सोंचा होगा. अधीर हुए चौधरी ने आलाकमान से मुलाकात में कहा, 'पश्चिम बंगाल में साम्प्रदायिक राजनीति का प्रवेश हो गया है. पहले बंगाल ऐसी राजनीति से दूर था. मुझे हराने के लिए तृणमूल ने हिंसा का सहारा लिया. ममता बनर्जी का मेन टारगेट मुझे हराना था. मुझे साम्प्रदायिक राजनीति का शिकार बनाया गया.
बीजेपी ने ली चुटकी
अधीर के दर्द पर भाजपा ने भी चुटकी लेने में देर नहीं लगाई. केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार को भी अधीर के बयान में सच दिखता है. इसलिए उन्होंने कहा- 'हकीकत तो यह भी है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता अधीर रंजन के लिए प्रचार करने नहीं पहुंचा. तभी अधीर सोनिया गांधी को भी पराजय की वजह बताते हैं.
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि अधीर ने सोनिया गांधी से मुलाकात करके आखिरी हथियार चल दिया है. अब अगर उनकी सुनवाई और उपेक्षा हुई तो क्या वो बंगाल में कांग्रेस के बागी बन जाएंगे.