West Bengal: पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का मामला, गवर्नर ने बनाया था 'पीस रूम'; अब राजभवन ले सकता है ये फैसला
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West Bengal: पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का मामला, गवर्नर ने बनाया था 'पीस रूम'; अब राजभवन ले सकता है ये फैसला

West Bengal pre-panchayat poll violence: चुनावों से पहले हो रही हिंसा को लेकर बने पीस रूम के हेल्पलाइन नंबर पर पहले 3 दिनों में 1500 से अधिक कॉल आ चुकी हैं. ईमेल के इनबॉक्स में शिकायतों की बाढ़ आ गई है. सूत्रों का कहना है कि गवर्नर इस पहल को आगे भी जारी रखना चाहते हैं.

West Bengal violence

West Bengal Raj Bhavan Peace Room: कोलकाता (Kolkata) के राजभवन परिसर में खोला गया 'पीस रूम' (West Bengal Governor peace room) आगामी पंचायत चुनाव के बाद भी काम करना जारी रख सकता है. राज्यपाल आनंद बोस ने पंचायत चुनाव में झड़पों और हिंसा की घटनाओं पर दैनिक रिपोर्ट के लिए ये पीस रूम खोला है. पीस रूम खुद राज्यपाल के कहने पर खोला गया है ताकि उनका दफ्तर पीड़ितों और प्रत्यक्षदर्शियों से हिंसा के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त कर सके.

तीन दिन में आई 1500 कॉल

अब पीस रूम के हेल्पलाइन नंबर पर पहले तीन दिनों में 1500 से अधिक कॉल आ चुकी हैं, और इस उद्देश्य के लिए खोले गए ईमेल के इनबॉक्स में शिकायतों की बाढ़ आ गई है. सूत्रों ने कहा कि गवर्नर इस पहल को आगे भी जारी रखना चाहते हैं. पंचायत चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को घोषित किए जाएंगे, मतदान की तारीख 8 जुलाई है.

चुनाव के बाद हिंसा बढ़ने की आशंका

सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल ने कथित तौर पर अपने करीबी विश्वासपात्रों से कहा है कि वह चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल में पूर्ण शांति बहाल होने तक पीस रूम का संचालन जारी रहे. गवर्नर हाउस को खबर है कि 11 जुलाई को परिणाम घोषित होने के बाद भी हिंसा जारी रह सकती है, जैसा कि 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुआ था.

सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल को 2021 में चुनाव के बाद की हिंसा के बारे में व्यावहारिक अनुभव है, क्योंकि वह उस केंद्रीय टीम का हिस्सा थे जो स्थिति की समीक्षा करने के लिए राज्य में आई थी.

सुरक्षा बलों की तैनाती का मामला पहुंचा था कोर्ट

आपको बताते चलें कि पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती के फैसले का राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने विरोध किया था. बीते मंगलवार को इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. क्योंकि राज्‍य सरकार ने कलकत्‍ता हाई कोर्ट के फैसले को SC में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि 8 जुलाई को प्रस्तावित चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने HC के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करते हुए अपील खारिज कर दी थी.

 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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