गुजरात चुनाव से पहले बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बड़ा दांव चला है. केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को 1955 के नागरिकता अधिनियम के तहत भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया. इन देशों से आए ये अल्पसंख्यक फिलहाल गुजरात के दो जिलों आणंद और मेहसाणा में रह रहे हैं.