जिस सुरंग में हुआ हादसा, उसे बनाने वाली कंपनी के बारे में जानें 5 बड़ी बातें
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जिस सुरंग में हुआ हादसा, उसे बनाने वाली कंपनी के बारे में जानें 5 बड़ी बातें

उत्‍तराखंड में इसके अलावा 2020 में इसको ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्‍ट का 2072 करोड़ का प्रोजेक्‍ट भी हासिल हुआ था.

जिस सुरंग में हुआ हादसा, उसे बनाने वाली कंपनी के बारे में जानें 5 बड़ी बातें

उत्‍तरकाशी के जिस टनल में 40 मजदूर फंसे हैं उसका निर्माण नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (Navayuga Engineering Company Ltd) के द्वारा किया जा रहा है. आइए इससे जुड़ी जानें 5 अहम बातें:

1. नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, नवयुग ग्रुप (Navayuga Group) का हेडक्‍वार्टर विशाखापत्‍तनम में है. उत्‍तराखंड में इसके अलावा 2020 में इसको ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्‍ट का 2072 करोड़ का प्रोजेक्‍ट भी हासिल हुआ था.

2. इस भारतीय एमएनसी के पोर्टफोलियो में सड़क निर्माण, ब्रिज, मेट्रो रेल, मरीन वर्क, आईटी/आईटीईएस कंपनियों, पोर्ट, पॉवर प्रोजेक्‍ट्स और स्‍टील यूनिट्स तक शामिल हैं.

3. 1986 में सी विश्‍वेश्‍वर राव (C Visweswara Rao) ने नवयुग ग्रुप की स्‍थापना की थी. इस कंपनी ने भारत में सबसे लंबा रिवर ब्रिज बनाया है. पीएम मोदी ने असम में इस ढोला-सादिया ब्रिज का उद्घाटन किया था. ब्रह्मपुत्र नदी पर स्थित इस पुल की लंबाई 9.15 किमी है. ये ऐतिहासिक पुल तिनसुकिया जिले में ढोला को सादिया से कनेक्‍ट करता है. सामरिक लिहाज से ये इसलिए अहम है क्‍योंकि ये सीमावर्ती राज्‍य अरुणाचल प्रदेश के निकट स्थित है.

4. यह रिवर ब्रिज नार्थ ईस्‍ट को शेष भारत के साथ भी कनेक्‍ट करता है. इसके माध्‍यम से सभी सीजन में अबाधा आवागमन हो सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं इसके कारण भारतीय सेना के आवागमन में बड़ी सहूलियत हुई है. इस पुल से सेना के 100 टन से भी अधिक वजनी युद्धक टैंक आसानी से गुजर सकते हैं.

5. इस महत्‍वपूर्ण कार्य के अलावा कलशवरम-संदीला बैराज, नर्मदा-मालवा गंभीर, दिबांग-लोहित रिवर ब्रिज समेत कई आइकोनिक प्रोजेक्‍ट बनाए हैं. 

श्रमिकों से हुआ संपर्क
उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह अचानक ढह गया था जिससे उसमें 40 श्रमिक फंस गए थे.  सुरंग का ढहने वाला हिस्सा सुरंग के मुहाने से करीब 200 मीटर दूर है.  सुरंग का निर्माण कर रही नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड के अनुसार सुरंग में फंसे मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हैं. हर मौसम के अनुकूल चार धाम सड़क परियोजना के तहत बन रही इस साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जाएगा.

इस बीच सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसके अंदर पिछले 24 घंटे से ज्यादा समय से फंसे 40 श्रमिकों तक पहुंच बनाने के लिए बचावकर्मी रातभर मलबा हटाने के काम में जुटे रहे और आखिरकार उन्हें उनसे संपर्क स्थापित करने में सफलता मिल गयी.  ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग में फंसे इन श्रमिकों तक अब भोजन-पानी पहुंचाया जा रहा है. सिलक्यारा में बनाए गए पुलिस नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, वॉकी-टॉकी के जरिए सुरंग में फंसे लोगों से संपर्क हुआ और सभी श्रमिक सुरक्षित हैं.

नियंत्रण कक्ष के अनुसार, अंदर फंसे लोगों द्वारा खाने की मांग की गई है और उन्हें पाइप के जरिए भोजन के पैकेट भेजे जा रहे हैं.  श्रमिक फिलहाल 60 मीटर की दूरी पर हैं. सुरंग में पानी के लिए बिछाई गई पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है.  इसी पाइपलाइन के जरिए कंप्रेसर की मदद से दबाव बनाकर श्रमिकों तक भोजन के पैकेट भेजे जा रहे हैं. यह पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है.  इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से संपर्क स्थापित किया जा रहा है.

सुरंग में फंसे मजदूरों तक संदेश भेजने के लिए पहले कागज पर संदेश लिखी पर्ची पाइपलाइन के जरिए भेजी गई थी. अब दुर्घटनास्थल पर पाइप के जरिये संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा है. उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए खुदाई करने वाली बड़ी मशीनों की मदद से पानी युक्त मलबा हटाने का कार्य निरंतर जारी है.

नवयुग कंपनी पर पहले भी दर्ज हुआ है केस
ऐसा नहीं है कि नवयुग कंपनी पर पहली बार सवाल उठे हो. नवयुग कंपनी पर तब भी सवाल उठे थे जब इसी वर्ष 31 अगस्त को महाराष्ट्र के ठाणे में समृद्धि एक्सप्रेसवे निर्माण के तीसरे चरण के दौरान एक हादसा हुआ था. निर्माण के दौरान एक ‘गार्डर’ गिर गया था, जिसमें 10 श्रमिकों समेत 20 लोगों की मौत हो गई थी. उस वक्त एक मजदूर के बयान के आधार पर नवयुग कंपनी के कॉन्ट्रैक्टर और VSL कंपनी के कॉन्ट्रैक्टर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. दोनों कॉन्ट्रैक्टर  के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. इस हादसे को 3 महीने हो गए है, लेकिन जांच का अबतक कोई नतीजा नहीं निकला..

 

 

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