Uttarakhand Tunnel Accident : आज उत्तराखंड में हुए टनल हादसे का पांचवा दिन है. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस बीच ये बड़ी खबर सामने आ रही है.
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Uttarakhand Tunnel Collapse Latest Updates : उत्तरकाशी की टनल में फंसे 40 लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. इस मैराथन मुहिम को लेकर प्रदेश के सचिव आपदा प्रबंधन डाक्टर रंजीत सिन्हा (Disaster Management Secretary Dr. Ranjit Sinha) ने अच्छी खबर सुनाई है. आपदा प्रबंधन सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा, 'नई हाई पावर मशीन से कार्य शुरू हो गया है. 1 घंटे में करीब 5 मी'टर मलबा हटाया गया है. कोशिश यही है कि कुछ घंटे बाद फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जा सके.'
Tunnel Rescue Update- कुछ घंटे में बाहर होंगे फंसे मजदूर!
ऑगर मशीन की स्थापना का कार्य पूर्ण होने के बाद सुरंग के भीतर जमा मलबे में ड्रिलिंग शुरू हो चुकी है. 6 मीटर लंबे एक पाईप की ड्रिलिंग पूरी हुई. दूसरे पाइप की ड्रिलिंग जारी है. ज़ी न्यूज़ की संवाददाता अंजलि सिंह मौके पर मौजूद है. मलबा क्लियर करने के बाद वहां पाइप के जरिए पैसेज बनाया जाएगा. जिससे अंदर फंसे सभी लोग बाहर आ सकते हैं. हालांकि ये एक रणनीति है, जिसपर विचार किया जा चुका है. दूसरी ओर NHIDCL के डायरेक्टर अंशू मनीष खलखो ने बताया कि, 25 टन की हैवी ऑगर मशीन प्रति घंटे 5-6 मीटर ड्रिल करती है. ऐसे में जल्द ही मजदूरों तक का पूरा रास्ता साफ किया जा सकता है. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि कुछ घंटों में गुड़ न्यूज़ आ सकती है.
सीएम ने बुलाई समीक्षा बैठक
उत्तरकाशी में सुरंग हादसे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान आया है. रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर बुलाई गई एक समीक्षा बैठक में सीएम धामी ने कहा कि टनल में ऑगर मशीन भेज दी गई है. मजदूरों को बचाने की कोशिशें जारी हैं. आपको बता दें कि हादसे के बाद पांचवें दिन केंद्रीय मंत्री वीके सिंह सुरंग हादसे का निरीक्षण करने पहुंचे हैं.
पांचवे दिन राहत की उम्मीद
बुधवार को मशीने पहुंच गई थीं. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एडवांस मशीनों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उत्तरकाशी पहुंचाया गया. ऑपरेशन में नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद भी ली जा रही है. आपको बताते चलें कि सुरंग में मंगलवार रात हुए ताजा भूस्खलन के चलते एस्केप टनल बनाने के लिए की जा रही ड्रिलिंग को रोकना पड़ा था. इसके बाद ड्रिलिंग के लिए लाई गई मशीन भी खराब हो गई थी, जिससे बचाव काम प्रभावित हुआ था.