उत्तरकाशी: एक भाई टनल में दूसरा बाहर; टूटता सब्र का बांध; कहानी पढ़ आपकी आंखों में भी आ जाएंगे आंसू
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उत्तरकाशी: एक भाई टनल में दूसरा बाहर; टूटता सब्र का बांध; कहानी पढ़ आपकी आंखों में भी आ जाएंगे आंसू

Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने से उसके अंदर फंसे श्रमिकों की संख्या 40 से बढ़कर अब 41 हो गई है.

 

उत्तरकाशी: एक भाई टनल में दूसरा बाहर; टूटता सब्र का बांध; कहानी पढ़ आपकी आंखों में भी आ जाएंगे आंसू

Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिल्कयारा टनल हादसे को हुए छह दिन हो चुके हैं. सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का सातवां दिन है. इस बीच टनल के अंदर और बाहर दोनों तरफ सब्र की बांध टूटती जा रही है. इस बीच टनल के अंदर फंसे और टनल के बाहर बैठे दो भाइयों की कहानी सामने आई है. इन भाइयों की कहानी सुनकर आपकी आंखों में भी आंसू आ जाएंगे. ये कहानी बिहार से आए हरिद्वार शर्मा और उनके भाई सुशील शर्मा की है. Zee News से बात करते हुए बिहार से आए हरिद्वार शर्मा की आंखों से आंसू छलक आए. उनके भाई सुशील शर्मा टनल में फंसे हुए हैं.

टनल के अंदर खराब हो रही स्थित?

हरिद्वार शर्मा ने बताया कि उनके भाई से बात हुई. उसने कहा कि कब तक निकलेंगे? हम अब स्तिथि यहां खराब हो रही है. ये बातें करते हुए हरिद्वार शर्मा की आंखों से आंसू छलक आए. रोते हुए उन्होंने कहा कि हम कब तक दिलासा देंगे? अब तो हमारी भी हिम्मत कम हो रही है. अब बस उपरवाले पर भरोसा है. कंपनी पहले भी तो मशीन की व्यवस्था कर सकती थी.

धीरे-धीरे हिम्मत दे रही जवाब

टनल हादसे को छह दिन पूरे हो गए हैं और सातवें दिन भी अब तक मजदूरों ने नहीं निकाला जा सका है. ऐसे में लोगों का धैर्य धीरे-धीरे जवाब दे रहा है. फिर चाहे वह टनल के अंदर फंसे मजदूर हों या फिर बाहर इंतजार करते हुए परिजन. ऐसी ही एक कहानी पुष्कर और विक्रम की भी है. पुष्कर उन लोगों में शामिल हैं, जो सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद से अंदर फंसे हुए हैं. पुष्कर को जब अपने भाई विक्रम सिंह से बात करने का मौका मिला तो पहली बात उसने कही, ‘भाई, मां को यह मत बताना कि मैं मैं यहां फंसे लोगों में से एक हूं.’ 25 वर्षीय पुष्कर ने विक्रम सिंह से कहा, ‘मैं ठीक हूं. यहां अन्य लोग भी हैं...अगर तुम उन्हें सच बताओगे तो हमारी मां चिंतित हो जाएंगी.’

41 हुई मजदूरों की संख्या

वहीं, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने से उसके अंदर फंसे श्रमिकों की संख्या 40 से बढ़कर अब 41 हो गई है. उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की ताजा सूची से यह जानकारी मिली है. श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए पिछले एक सप्ताह से युद्धस्तर पर बचाव अभियान जारी है. लेकिन, अभियान के छठे दिन निर्माण कंपनी को पता चला कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग में फंसे श्रमिकों में बिहार के मुजफफरपुर जिले के निवासी दीपक कुमार पटेल भी शामिल है. ऐसे में पटेल को मिलाकर सुरंग में फंसे बिहार निवासी के श्रमिकों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)

 

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