उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मेंहनगर तहसील के अंतर्गत बछवल गांव के रहने वाले आलोक मौर्य और ज्योति मौर्या का मामला इन दिनों चर्चाओं में बना हुआ है.
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वेदेन्द्र प्रताप शर्मा/ आजमगढ़: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मेंहनगर तहसील के अंतर्गत बछवल गांव के रहने वाले आलोक मौर्य और ज्योति मौर्या का मामला इन दिनों चर्चाओं में बना हुआ है. इसी को लेकर जिले की बैठक समीक्षा में सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने इस मामले में चुटकी लेते हुए जवाब दिया कि पुरूष करें तो रासलीला, महिला करें को करेक्टर ढीला, ये कहां का न्याय है. देश में लाखों पुरुषों ने महिलाओ को छोड़ा तो कोई बोलने नहीं आया और जब एक महिला ने पुरूष को छोड़ा तो पूरे देश में बवाल मच गया। जब पूछा गया कि किसके उपर कार्रवाई होनी चाहिए तो कहा कि कितने पुरुषों पर कार्रवाई हुई है. इसके अलावा आलोक मौर्य के परिवार संग ग्रामीणों ने भी ज्योति मौर्या के दावों को ख़ारिज किया है.
यह है मामला...
इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चाओं में बना आलोक मौर्य के परिवार संग ग्रामीणों ने एसडीएम ज्योति मौर्या के दावों को ख़ारिज किया है. इसके बाद यह चर्चाओं का विषय बना हुआ है. जनपद आजमगढ़ के मेंहनगर तहसील के अंतर्गत बछवल गांव के रहने वाले आलोक मौर्य की शादी 2010 में वाराणसी जिले के चिरईगांव की रहने वाली ज्योति मौर्या से हुई. 2010 के बाद ज्योति मौर्या ने कठिन परिश्रम कर पहले शिक्षक के पद को प्राप्त किया और 2016 में पीसीएस बन गई. 2016 से लेकर 2022 तक पति पत्नी के संबंध ठीक-ठाक थे. इसके बाद ज्योति मौर्या ने दो जुडवा बच्चियों को जन्म दिया.
अलोक मौर्या ने लगाया आरोप
साल 2023 में ज्योति मौर्या ने आलोक मौर्या से दूरी बनानी शुरू कर दी. आलोक मौर्या ने अपनी पत्नी ज्योति मौर्या पर आरोप लगाते हुए कहा कि वैवाहिक जीवन से हटकर दूसरे व्यक्ति के साथ जीवन यापन करना चाहती हैं, जिससे उनका घर बर्बाद हो रहा है और उनकी मासूम बच्चियों का भविष्य खराब भी खराब हो रहा है. इस बात को लेकर जब आलोक मौर्य ने विरोध जताया तो उसका जवाब भी ज्योति मौर्या ने अपने तरीके से देते हुए इस पूरे प्रकरण पर सवाल खड़े कर दिये.
परिवार वालों के दावों को किया ख़ारिज
इस मामले को लेकर आलोक मौर्या के चाचा और गांव के लोगों ने अपने-अपने तरीके से चल रहे इस विवाद की निंदा की. ज्योति मौर्या जो कदम उठा रही है वह गलत है, दो बच्चों के जीवन का क्या होगा. आलोक मौर्य और उनके पिता ने जिस तरह से संसाधन जुटाकर ज्योति को इस पद तक पहुंचाया है आने वाले समय में बहुओं को बढ़ाना कितना घातक होगा. यह भी प्रश्नचिन्ह उठ रहा है. वहीं इस मामले को लेकर आलोक के पिता मुरारी मौर्या जहां सदमे में हैं.
गांव के लोगों का कहना है कि ज्योति मौर्या की इस हरकत से निश्चित रूप से महिलाओं को पढ़ाने में परिवार कई बार सोचेगा. बहू को आगे बढ़ने का मौका इस कांड के बाद से कम हो जायेगा. वहीं इस प्रकरण में विवाह के दौरान छपे कार्ड में झूठ बोलकर सफाई कर्मी को ग्राम विकास अधिकारी बता कर विवाह कराने को लेकर आलोक के चाचा ने बताया गया कि शादी के कार्ड पर किसी पद का जिक्र नहीं था. जिस कार्ड की चर्चा हो रही है वह कार्ड खुद लड़की वालों ने बाटा होगा, जिसका उन्हें संज्ञान भी नहीं है. कुल मिलाकर इस वक्त परिवार का विवाद देश में चर्चा बनी हुई है, जिसमें एक पीसीएस बहु होने के बाद उसके द्वारा उठाए गए कदम की चर्चाएं व्याप्त है.
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