माफिया मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास, MP-MLA कोर्ट ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में सुनाया फैसला
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माफिया मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास, MP-MLA कोर्ट ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में सुनाया फैसला

Mukhtar Ansari Found Guilty​:  वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को  36 साल पुराने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. 

माफिया मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास, MP-MLA कोर्ट ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में सुनाया फैसला

Mukhtar Ansari News​: माफिया मुख्तार अंसारी को बड़ा झटका लगा है. वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मुख्तार अंसारी पर डीएम और एसपी के फर्जी हस्ताक्षर कर लाइसेंस लेने का आरोप था. मुख्तार अंसारी को अब तक कुल सात मुकदमे में सजा हो चुकी है. 36 साल पहले फर्जी शस्‍त्र लाइसेंस मामले में मोहम्‍मदाबाद थाने में मामला दर्ज किया गया था. 

अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट वाराणसी, अवनीश गौतम की अदालत ने मुख्तार अंसारी को डीएम/एसपी के फर्जी हस्ताक्षर पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में सजा सुनाई है. 1990 में थाना मोहम्मदाबाद गाजीपुर में दर्ज तीन और कोतवाली गाजीपुर में दर्ज एक मामले में हुई सुनवाई और प्रभावी पैरवी के बाद चारों धाराओं में अलग अलग सजा सुनाई गई है. 

इसमें 420/120 बी आईपीसी में सात साल, 467/120 बी आईपीसी में आजीवन कारावास, 468/120 बी में 7 वर्ष और 30 आयुध अधिनियम में 6 माह की सजा सुनाई गई है. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसके अलावा मुख्तार अंसारी पर अलग-अलग कुल 2,02,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना अदा न करने पर 1 साल 1 हफ्ते के अतिरिक्त कारावास का प्रावधान है.

36 साल पुराना है केस 
बता दें कि यह मामला करीब 36 साल पुराना है, जब माफिया मुख्तार अंसारी की ओर से 10 जून 1987 को बंदूक का लाइसेंस लेने के लिए गाजीपुर डीएम को अप्लीकेशन दी गई थी. इसमें जिलाधिकारी और एसपी के फर्जी हस्ताक्षर कर लाइसेंस लेने का आरोप लगा था. मामले की जानकारी होने के बाद पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. तत्‍कालीन डिप्‍टी कलेक्‍टर समेत पांच लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया.

दो के खिलाफ पुलिस ने फाइल की चार्जशीट
पुलिस ने जांच के बाद तत्‍कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्‍तव और माफ‍िया मुख्‍तार अंसारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इस दौरान कोर्ट में पूर्व मुख्‍य सचिव आलोक रंजन और पूर्व डीजीपी देवराज नागर समेत 10 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. इस मामले में वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट के न्‍यायाधीश अवनीश कुमार गौतम ने मुख्‍तार अंसारी को दोषी करार दिया था. 

बांदा जेल में बंद है मुख्तार अंसारी
माफिया मुख्तार अंसारी अभी यूपी की बांदा जेल में बंद है. मंगलवार को सुरक्षा कारणों की वजह से उसकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी हुई थी. बता दें कि फर्जी शस्त्र लाइसेंस केस को जोड़ लें तो माफिया मुख्तार अंसारी को अब तक आठ मामलों में सजा हो चुकी है. 

मालूम हो कि मुख्तार अंसारी को अब तक कुल आठ मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है. इससे पहले दिसंबर 2023 में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 26 साल पुराने कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा की हत्या के गवाह महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की कठोर कारावास और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनायी थी. 

 

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