Uttar Pradesh News: अगले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी का आकार 80 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा. 7 जुलाई को नीति आयोग की एक अहम मीटिंग में सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विकास को लेकर अपना विजन साझा किया है.
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लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में रविवार को आयोजित नीति आयोग (Niti Aayog) की सातवीं बैठक को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सम्बोधित किया है. उन्होंने 5 वर्ष में प्रदेश सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को गिनाने के साथ ही उत्तर प्रदेश के भविष्य को लेकर अपना विजन भी पेश किया. बैठक में उन्होंने यूपी की अर्थव्यवस्था को 80 लाख करोड़ रुपये (01 ट्रिलियन यूएस डॉलर) का आकार देने के संकल्प को दोहराया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है. इसके लिए प्रदेश की आधारभूत संरचना को विश्वस्तरीय और सुदृढ़ बनाया जा रहा है. प्रभावी सुशासन, कौशल विकास, तीव्र निर्णय लेने की प्रक्रिया तथा लक्षित नीतियां व नियम इस दिशा में उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं.
डिजिटल इकोनॉमी की ओर बढ़ रहा प्रदेश
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को विभिन्न योजनाओं का प्रभावी और सुचारु ढंग से लाभ दिलाने के लिए डिजिटल एग्रीकल्चर ढांचे को सुदृढ़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में डिजिटाइज्ड कृषक डेटाबेस के अन्तर्गत 3 करोड़ किसान पंजीकृत हैं. विगत पांच साल में इन किसानों को 2,605 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं. डिजिटाइज्ड कृषक डेटाबेस विकसित कर डीबीटी के माध्यम से अनुदान वितरित करने वाला उत्तर प्रदेश, देश का अग्रणी राज्य है.
आज नई दिल्ली में @NITIAayog की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सहभाग किया।
इस अवसर पर आदरणीय प्रधानमंत्री जी का, उ.प्र. को बीमारु राज्य की शृंखला से स्वावलंबी व समर्थ प्रदेश बनाने की दिशा में अमूल्य सहयोग और मार्गदर्शन करने हेतु आभार प्रकट किया। pic.twitter.com/gVMnNclhSS
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 7, 2022
मोटे अनाज के उत्पादन पर जोर
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में विशिष्ट कृषि उत्पादों हेतु 'सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस' स्थापित किए गए हैं. यूनाइटेड नेशन द्वारा वर्ष 2023 में 'इण्टरेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स' मनाए जाने के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा व्यापक तैयारी प्रारम्भ कर दी गई है. ज्वार, बाजरा तथा गन्ने के साथ इण्टरक्रॉपिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु चरणबद्ध रूप में कार्रवाई की जा रही है. बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सात जनपदों में गो-आधारित खेती की योजना स्वीकृत की गई है. इसके अन्तर्गत इस क्षेत्र के प्रत्येक विकास खण्ड में 500 हेक्टेयर में गो-आधारित खेती का लक्ष्य है. इसके साथ ही, नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत गंगा जी के तट पर पड़ने वाले 105 विकास खण्डों में गो-आधारित खेती का कार्य प्रस्तावित है.
समावेशी विकास के क्षेत्र में अग्रणी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2025 तक उत्तर प्रदेश को 80 लाख करोड़ रूपये (एक ट्रिलियन डॉलर) की इकोनॉमी बनाने हेतु हमारे शहरों को निवेश आकर्षित करते हुए रोजगार सृजन में वृद्धि कर ग्रोथ इंजन के रूप में आगे आना होगा. शहरी विकास को ग्रोथ इंजन बनने के साथ-साथ आवास ,स्लम, जलापूर्ति तथा सॉलिड वेस्ट प्रबन्धन,वायु गुणवत्ता,प्रदूषण नियंत्रण,आजिविका तथा सार्वजनिक यातायात की चुनौतियों से निपटना भी होगा. नेशनल कॉन्फ्रेंस में नगर विकास के क्षेत्र में सुझाए गए तीनों आयामों म्युनिसिपल वित्त, नगर नियोजन तथा प्रशासनिक संरचना एवं नागरिक केंद्रित प्रशासन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश प्रभावी कार्य कर रहा है.
आत्मनिर्भर हो रहे स्थानीय निकाय
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नगर निकायों की वित्तीय स्थिति सुधारने हेतु 16 नगर निगमों में जीआईएस सर्वेक्षण का कार्य प्रगति पर है, जिससे गृहकर में दोगुनी वृद्धि इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक सम्भावित है. विभिन्न प्रकार के यूजर चार्जेस को युक्तिसंगत बनाने पर कार्य चल रहा है. लखनऊ में 200 करोड़ रुपये एवं गाजियाबाद में 150 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बांड जारी किये गये हैं. इस धनराशि का उपयोग आवासीय कॉम्पलेक्स व एसटीपी निर्माण में किया जा रहा है, जिससे भविष्य में राजस्व की प्राप्ति भी होगी. अन्तराष्ट्रीय वित्त एजेन्सियों की भागीदारी तथा अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेन्ट फाइनेंस कारपोरेशन के गठन का लक्ष्य है, जिससे छोटे स्थानीय निकायों में भी रोजगार सृजन तथा निवेश प्रोत्साहन होगा.
ड्रॉप आउट पर पूरी तरह लगेगी रोक
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 आजादी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार का सबसे बड़ा अभियान है. यह नीति प्रधानमंत्री जी का विजन है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों की प्रतिभा निखारने, उन्हें कुशल तथा कॉन्फिडेण्ट बनाने पर जोर है. राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं विकास के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं. उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में कक्षा 01 से 08 तक अध्ययनरत 1.91 करोड़ विद्यार्थियों को ड्रेस, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी खरीदने के लिए प्रति विद्यार्थी 1200 रुपये उनके अभिभावकों को डीबीटी के जरिए दिया जा रहा है.
सरकारी स्कूलों में तकनीक और इनोवेश पर जोर
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में 'ऑपरेशन कायाकल्प फेज-2' के अन्तर्गत 5,000 मॉडल स्कूल विकसित किए जा रहे हैं. राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 2500 स्मार्ट क्लास की स्थापना साथ ही, 1 करोड़ माध्यमिक विद्यार्थियों की ई-मेल आईडी तैयार की गई है. 2,273 विद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करायी गई है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपदों की भांति प्रदेश में 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों का चयन करते हुए निर्धारित मानकों पर उनका विकास कराये जाने का निर्णय लिया गया है. 'मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के माध्यम से आकांक्षात्मक विकास खण्डों के लिए 100 शोधार्थियों का चयन किया जाएगा. इस योजना के क्रियान्वयन से युवाओं को सरकार के साथ नीति-निर्माण, प्रबन्धन, क्रियान्वयन आदि में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्राप्त होगा तथा इन विकास खण्डों में संचालित विभिन्न योजनाओं को लागू करने में युवाओं के अभिनव और नवीन दृष्टिकोण का लाभ मिलेगा.