जनवरी 2023 में उत्तरप्रदेश में निवेश और कारोबार का महाकुंभ ग्लोबल इनवेस्टर समिट-2023 का आयोजन होने जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इससे जुड़ी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं. आइए जानते हैं कैसे जीआईएस-2023 राज्य की तरक्की को रफ्तार देने का काम करेगी.
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लखनऊ/अरविंद मिश्रा: किसी भी राज्य के विकास को रफ्तार देने के लिए पैसा पहली जरुरत है. आर्थिक शब्दावली में इसे निवेश या इनवेस्टमेंट कहा जाता है. ग्लोबलाइजेशन के दौर में दुनिया का कोई भी उद्योगपति किसी भी देश और राज्य में निवेश अपनी सहूलियत के मुताबिक कर सकता है. उद्योगपतियों को जहां कारोबारी माहौल बेहतर नजर आता है, वहीं वह निवेश करता है. केंद्र और राज्य सरकारें निवेश के अलग-अलग प्रस्ताव उद्यमियों के सामने रखती हैं. इसी कड़ी में उत्तप्रदेश में अगले साल ग्लोबल इनवेस्टर समिट-2023 आयोजित की जाएगी. इस दौरान दुनिया भर के उद्योगति इनवेस्टर समिट में शिरकत करने उत्तरप्रदेश आएंगे. कारोबार और निवेश के इस महाकुंभ में कई एमओयू और समझौते होंगे. इन समझौतों की बुनियाद पर उत्तर प्रदेश के विकास को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है. योगी सरकार का लक्ष्य है कि ग्लोबल इनवेस्टर समिट से दस लाख करोड़ रुपये का निवेश यूपी में लाया जाए.
चार गुना बढ़ानी होगी आर्थिक विकास दर
दरअसल योगी सरकार उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को अगले 2027 तक 1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग दस खरब रुयये) की अर्थव्यवस्था बनाना चाहती है. वर्तमान में उत्तरप्रदेश की इकोनॉमी का आकार लगभग 19 लाख 10 हजार 217 करोड़ रुपये का है. विशेषज्ञों के मुताबिक 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लिए आर्थिक विकास दर को मौजूदा दर से चार गुना बढ़ाना होगा. वर्तमान में यूपी की आर्थिक विकास दर 7 से 8 प्रतिशत है. ऐसे में वैश्विक निवेश सम्मेलन की अहमियत काफी बढ़ जाती है. देश के बड़े, छोटे और मझोले उद्योगपतियों व कारोबारियों को भी इस सम्मेलन में आमंत्रित किया जाएगा. यही नहीं ग्लोबल इनवेस्टर समिट को सफल बनाने के लिए योगी सरकार देश के अलग-अलग महानगरों के साथ विदेशों में भी रोड शो आयोजित करने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी खुद उद्योग जगत औद्योगिक संगठनों के संबंधित विभागों के साथ लगातार समीक्षा बैठक आयोजित कर रहे हैं.
ईज ऑफ डुइंग सबसे बड़ी ताकत
जीआईएस-2023 में 50 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव का ही एमओयू साइन किया जाएगा. इससे कम के निवेश प्रस्ताव के एमओयू जिलों में ही साइन किए जाएंगे. औद्योगिक इकाइयों के लिए प्रदेश में करीब एक लाख हेक्टेयर भूमि का लैंड बैंक बनाया जा रहा है. समिट से पहले लैंड बैंक से जुड़ी अड़चनें दूर का निर्देश राजस्व विभाग को दिया गया है. दरअसल उद्योग लगाने के लिए पहली जरुरत जमीन होती है. ग्लोबल इनवेस्टर समिट में आने वाले उद्योगपतियों को सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम की सुविधा मिले इसके लिए फूड प्रोसेसिंग, हथकरघा (हैंडलूम), इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, पर्यटन, रिन्यूबल एनर्जी, ईवी, फिल्म एंड मीडिया, खिलौना उद्योग, हाउसिंग एवं सिविल एविएशन में निवेश बढ़ाने वाली नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी तैयार की जा रही है. दरअसल ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में देश में यूपी दूसरे पायदान पर है. इसका असर पिछले दिनों डिफेंस क्षेत्र में बढ़ रहे निवेश में देखा गया है.
उत्तर प्रदेश के नौजवान ऊर्जा और प्रतिभा से भरपूर हैं।
जब भी इन्हें अवसर मिलेगा, ये अपनी प्रतिभा एवं ऊर्जा के बल पर उत्तर प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने में अपना योगदान देंगे।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 3, 2022
एक जनपद एक उत्पाद पर रहेगा फोकस
ग्लोबल इनवेस्टर समिट के दौरान उत्तरप्रदेश की सबसे महात्वकांक्षी योजना एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) पर विशेष फोकस किया जाएगा. उत्तरप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया है. इससे जहां स्थानीय उद्योग को बढ़ावा मिलेगा वहीं रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी. जी-7 देशों की बैठक के दौरान जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडीओपी का गिफ्ट दुनिया भर के नेताओं को दिया. इससे निवेश समझौते के दौरान एमएसएमई क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं बढ़ी हैं.
कृषि और टेक्सटाइल से निकलेगी राह
योगी सरकार ने कृषि और टेक्सटाइल सेक्टर में ही अगले पांच साल में 5 करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा है. ग्लोबल इनवेस्टर समिट कृषि और टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर विशेष फोकस रहेगा. एक आंकड़े के मुताबिक टेक्सटाइल क्षेत्र में एक करोड़ रुपये का निवेश 70 रोजगार पैदा करता है. यदि टेक्सटाइल इंडस्ट्री से 5 लाख नौकरियों का लक्ष्य भी हासिल करना है तो यूपी को 7,500 करोड़ रुपये का रोजगार चाहिए. उत्तरप्रदेश में एक समय कानपुर पूर्व का मैनचेस्टर भी कहा जाता था.
इन देशों से बढ़ेगा निवेश
ग्लोबल इनवेस्टर समिट-2023 को लेकर अमेरिका ब्रिटेन, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस जैसी आर्थिक महाशक्तियों को आमंत्रित किया जाएगा वहीं ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे नॉर्डिक देश जैसे स्वीडन के साथ ही नीदरलैंड, मॉरीशस और ऑस्ट्रेलिया को विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाएगा. यहां रोड शो के जरिए उत्तर प्रदेश में इंडस्ट्रियल इनवेस्टमेंट की संभावनाएं दुनिया के सामने पेश की जाएंगी.
सिंगापुर बना भागीदार देश
उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाएं देखते हुए सिंगापुर जीआईएस-2023 का भागीदार देश बन गया है. सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वोंग ने मंगलवार को ट्वीट कर यूपी ग्लोबल इंवेस्टर समिट-2023 (जीआईएस -23) का फर्स्ट कंट्री पार्टनर बनने की जानकारी साझा की.