यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा के आवेदन में बेटियों ने 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, बेटी पढ़ाओ अभियान को बड़ी कामयाबी
Advertisement

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा के आवेदन में बेटियों ने 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, बेटी पढ़ाओ अभियान को बड़ी कामयाबी

Positive News: यूपी में महिला शिक्षा दर में सुधार हो रहा है. खास बात ये है कि ये बदलाव ग्रामीण इलाकों में देखने को मिला है. जानिए पूरा मामला...

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा के आवेदन में बेटियों ने 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, बेटी पढ़ाओ अभियान को बड़ी कामयाबी

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में महिला शिक्षा दर (Women Education Ratio) में सुधार हो रहा है. खास बात ये है कि ये बदलाव ग्रामीण इलाकों (Village Area) में देखने को मिला है. इससे ये साफ है कि ग्रामीण लोगों में अपनी बेटियों को शिक्षित (Education) करने की मानसिकता में बदलाव आया है. ऐसा इसलिए क्योंकि पहले की तुलना में इसमें इजाफा देखने को मिला है. यूपी बोर्ड के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक राज्य में हाई स्कूल तक शिक्षा प्राप्त करने वाली लड़कियों का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है.

Entertainment News: उर्फी जावेद ने सड़क पर सबको किया दंग, सोशल मीडिया पर जमकर किया जा रहा ट्रोल

जानिए कितने उम्मीदवारों ने कराया पंजीकरण
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपीएमएसपी के अधिकारियों की मानें तो, साल 2023 में हाई स्कूल की परीक्षा देने के लिए कुल 31,16,485 उम्मीदवारों ने अपना पंजीकरण कराया है. इसमें लड़कियों की संख्या 45 प्रतिशत से ज्यादा है.

यूपी बोर्ड के सचिव ने दी जानकारी
इस मामले में यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पंजीकरण कराने वालों में 14,18,462 लड़कियां हैं. खास बात है कि ये संख्या पिछले पांच वर्षों में बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कराने वाली छात्रों की संख्या में सबसे अधिकतम संख्या है. जानकारी के मुताबिक 2022-23 सत्र में उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में बोर्ड से संबद्ध लगभग 28,000 स्कूलों में 1.11 करोड़ से अधिक छात्रों ने कक्षा 9 से 12 में प्रवेश लिया. इनमें 50,93,635 या 45.86 प्रतिशत लड़कियां थीं.

पहले की तुलना में दोगुना हुआ छात्राओं का नामांकन
इस मामले में अधिकारियों ने लड़कियों के बीच शिक्षा की जरूरत के प्रति बढ़ती जागरूकता को जिम्मेदार बताया है. जानकारी के मुताबिक तकरीबन तीन दशक पहले तक हाई स्कूलों में लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में लगभग एक चौथाई से भी कम हुआ करती थी. वहीं, अब मौजूदा रिकॉर्ड दिखाते हैं कि बीते तीन दशकों में छात्राओं का नामांकन पहले की तुलना में दोगुना से ज्यादा हो गया है.

Petrol Pump: योगी सरकार ने UP में पेट्रोल पंप खोलना किया आसान, जानिए शर्तें

ड्रॉपआउट रेट हुआ कम
आपको बता दें कि साल 1993 में हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकृत 16,39,933 उम्मीदवारों में से केवल 3,63,574 (22.17 प्रतिशत) लड़कियां थीं। 2003 में यह आंकड़ा बढ़कर 30.60 प्रतिशत और फिर 2013 में 43.33 प्रतिशत हो गया. बोर्ड की पूर्व सचिव नीना श्रीवास्तव ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार और बोर्ड की पहल से ज्यादातर माता-पिता अपनी बेटियों को स्कूल भेजने में दिलचस्पी लेने लगे हैं. इसके चलते ड्रॉपआउट रेट भी कम हुआ है.

WATCH: चीन में कोरोना का कहर देख यूपी सरकार हुई अलर्ट, लिया ये बड़ा फैसला

Trending news