लखनऊ और कानपुर के लोगों को इसका खास फायदा मिलेगा. इस एक्सप्रेसवे के बनने से दोनों शहरों का सफर ही सुगम नहीं होगा बल्कि जाम के झाम से भी लोगों को छुटकारा मिलेगा.
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे 8 लेन का होगा. पहले इसे 6 लेन का बनाने की योजना थी. यह दोनों शहरों के बीच की दूरी को तय करने में लगने वाले समय को घंटों से मिनटों में कर देगा. अभी यात्रा में जहां 3 घंटे लगते हैं तो यह घटकर 45 मिनट तक रह जाएगा.
लखनऊ-कानपुर रोड पर एक्सप्रेसवे लखनऊ के शहीद पथ से शुरू होगा. यह नवाबगंज को बंथरा, बनी, दतौली कांठा, तौरा, नेओरना, अमरसास और रावल के जरिए कानपुर से कनेक्ट होगा.
लखनऊ और कानपुर एक्सप्रेसवे की लंबाई 63 किलोमीटर है. इसमें 18 किलोमीटर एलिवेटेड और 45 किलोमीटर ग्रीन फील्ड रूट तैयार किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट में तीन बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और छह फ्लाईओवर का निर्माण कार्य भी तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है.
लखनऊ के 14 गांवों से एक्सप्रेसवे गुजरेगा. इसमें अमौसी, बनी, बंथरा, सिकंदरपुर, बेहसा, फरुखाबाद, चिल्लावां, गेहरू, गौरी, खांडेदेव, मीरनपुर पिनवट, नटकुर और सराय शहजारी गांव शामिल हैं.
एक्सप्रेसवे डेडलाइन से चार महीने पहले ही बनकर तैयार हो जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एनएचएआई की बैठक में निर्माण एजेंसी के लिए निर्माण कार्य पूरा करने के लक्ष्य की डेडलाइन जुलाई 2025 से कम कर मार्च 2025 की गई है.
उन्नाव तक 45 किलोमीटर लंबी 6 लेन रोड बनेगी. एक्सप्रेसवे पर अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन फर्राटा भर सकेंगे. इससे इलाके को फायदा मिलेगा.
मेन रोड पर ट्रैफिक कम करने के लिए लखनऊ कानपुर-एक्सप्रेस वे को लखनऊ रिंग रोड से जोड़ा जाएगा. इससे लोगों को फायदा होगा.
इससे अलावा यूपी को कई एक्सप्रेसवे की सौगात मिल चुकी है. इसमें गंगा एक्सप्रेसवे से लेकर गोरखपुर एक्सप्रेस का नाम शामिल है. आने वाले समय में यूपी सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य होगा.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.