सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष OP राजभर ने कहा कि अपनी हैसियत के हिसाब से ही किसी से बात करनी चाहिए.... हमारे पास इतनी हैसियत नहीं है कि हम उनसे MLC के लिए बात करें, राज्यसभा के लिए बात करें....
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बलिया: उत्तर प्रदेश विधान परिषद के चुनाव में जिस तरह से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को एक भी टिकट नहीं दिया. उसके बाद सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर (OP Rajbhar) की प्रतिक्रिया सामने आई है. राजभर ने कहा कि मांगो उसी से जो दे दे खुशी से और कहे न किसी से. इसके अलावा ओपी राजभर ने शब्दों के जरिए जमकर सपा पर तंज कसे.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर का दर्द छलक उठा है. उन्होंने सुभासपा को टिकट न देने पर कहा कि अब वो ही कहावत है कि हमारी इज्जत ही नहीं है तो बेइज्जत कौन है? हम लोग छोटी पार्टी वाले हैं. वो बड़ी पार्टी वाले हैं. हम गठबंधन के साथ हैं. हम गठबंधन धर्म को निभा रहे हैं.
जो अपेक्षा ही नहीं है तो उपेक्षा कैसे-ओपी राजभर
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश में सपा गठबंधन और बीजेपी गठबंधन के बाद से हम लोग पूरे देश में जाने जा रहे हैं. गठबंधन से इतनी ख्याति प्राप्त कर ली है कि लोग सवाल पूछने लगे हैं. उनका कहना है कि जो अपेक्षा ही नही है तो उपेक्षा कैसे. उन्होंने कहा कि हमारी मंशा नहीं है कि हम उनसे मांगने जाएं. राजभर ने कहा कि हमने तो मांगा ही नहीं, तो वो देंगे काहे को.
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हम mlc के भूखे नहीं
ओम प्रकाश राजभर ने कहा देश में गरीबों, बिजली बिल माफी, प्रदेश में अमन की लड़ाई को मैं सड़क से लेकर सदन तक में लड़ता हूं और लड़ता रहूंगा. ओपी राजभर ने तंज कसते हुए कहा कि हमारी तो हैसियत ही नहीं है कि हम एमएलसी की बात करें हमारे पास 6 ही MLA हैं. अगर हमारे पास 20 विधायक या 25 विधायक होते तो फिर हम उसके हकदार होते. उन्होंने कहा कि हम MLC के भूखे नहीं हैं. इसके अलावा ओपी राजभर ने जातिवार जनगणना पर बोलते हुए कहा कि बिहार में अगर जातिवार जनगणना हो सकती है तो यूपी में क्यों नहीं हो सकती है.
बुधवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपने 4 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करते हुए विधानसभा पहुंचे. जहां उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य समेत सपा के अन्य विधान परिषद प्रत्याशियों का नामांकन कराया.
बता दें कि यूपी विधानपरिषद के लिए नामांकन 9 जून तक दाखिल होंगे. 10 जून को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 13 जून है. बीस जून को मतदान होगा और उसी दिन नतीजे घोषित किए जाएंगे.
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