UP Shikshak Bharti : 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में बड़ा फैसला. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा फैसला लिया है. अदालत ने सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए दोबारा लिस्ट बनाने का आदेश दिया है.
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UP Sahayak Shikshak Bharti Case : 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले (assistant teacher recruitment list) में बड़ा फैसला सोमवार को आया. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Allahabad Highcourt Lucknow Bench) ने असिस्टेंट टीचर्स की दोबारा लिस्ट बनाने का आदेश दिया है. आरक्षण घोटाले के मामले में लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आदेश दिया है. लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के जस्टिस ओपी शुक्ला ने ये ऑर्डर दिया है. 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की पूरी लिस्ट दोबारा बनाने का आदेश हाईकोर्ट द्वारा दिया गया है. इस आदेश का मौजूदा समय में चयनित अभ्यर्थियों पर भी असर पड़ सकता है. देखना होगा कि सरकार इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देती है या नहीं.
बुधवार को 69000 भर्ती में आरक्षण की मांग कर रहे अभ्यर्थी लखनऊ पहुंचे. चयनित उम्मीदवार शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर सैकड़ों की संख्या में मौजूद थे. अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री का आवास का घेराव किया. इस दौरान एक महिला अभ्यर्थी तो बुरी तरह रोने लगी.
लखनऊ हाई कोर्ट ने सोमवार को अपने आदेश में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती की मौजूदा लिस्ट को गलत माना. हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार लिस्ट में अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटिगरी, सब कैटेगरी सहित ओबीसी -एससी (OBC_SC) वर्ग का पूरा 27% एवं 21%आरक्षण दिखाए. आरक्षण घोटाले का आरोप लगाकर अभ्यर्थी तीन साल से धरना प्रदर्शन कर रहे थे. शिक्षक भर्ती में 19, 000 से अधिक सीटों पर आरक्षण घोटाला होने की बात कही गई है.
इस मामले में याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 19 हजार से अधिक आरक्षण के मुकाबले सरकार ने 6800 सीटों पर ही आरक्षण दिया था. यह भी कहा गया कि 5 जनवरी 2022 को घोटाला स्वीकार कर 6800 की एक लिस्ट निकाली गई थी. 19, 000 से अधिक आरक्षण घोटाले के सापेक्ष 6800 सीट पर आरक्षण में गड़बड़ स्वीकार करने की लिस्ट को हाईकोर्ट ने पूरी तरह से खारिज किया. हाई कोर्ट ने सरकार को 3 महीने में पूरी लिस्ट सही करने के निर्देश दिए. आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों की बात को हाईकोर्ट ने सही माना. लखनऊ हाई कोर्ट ने माना कि भर्ती में आरक्षण का घोटाला हुआ. 8 दिसंबर 2022 को लखनऊ हाई कोर्ट ने आरक्षण घोटाले पर आर्डर रिजर्व किया था.
हाईकोर्ट का यह निर्णय यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जो शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए लंबे समय से प्रयास कर रही थी. उधर, सहायक शिक्षक पदों पर भर्ती से वंचित छात्र भी इसको लेकर कई बार लखनऊ और अन्य जगहों पर प्रदर्शन कर चुके हैं. छात्रों की ओर से यह मामला कोर्ट में ले जाया गया था, जिस पर आज उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है.
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