महाकुंभ में दिखेगी बुंदेलखंड के बदलाव की कहानी, कैसे बदली झांसी-चित्रकूट से बांदा तक लोगों की जिंदगी
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महाकुंभ में दिखेगी बुंदेलखंड के बदलाव की कहानी, कैसे बदली झांसी-चित्रकूट से बांदा तक लोगों की जिंदगी

 महाकुंभ में 40-45 करोड़ श्रद्धालु यूपी के 'स्वच्छ सुजल गांव' की तस्वीर भी देखेंगे. जल जीवन मिशन के जरिए बुंदेलखंड के गांव-गांव में हर घर जल पहुंचाने की नई तस्वीर देखेंगे. 2017 से पहले और बाद बुंदेलखंड के बदलाव की गाथा देखने को मिलेगी.

महाकुम्भ में दिखेगी यूपी के गांवों की झलक

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में 40-45 करोड़ श्रद्धालु यूपी के 'स्वच्छ सुजल गांव' की तस्वीर भी देखेंगे. जल जीवन मिशन के जरिए बुंदेलखंड के गांव-गांव में हर घर जल पहुंचाने की नई तस्वीर देखेंगे. 2017 से पहले और बाद बुंदेलखंड के बदलाव की गाथा देखने को मिलेगी. 40 हजार वर्ग फीट एरिया में बसे गांव में पीएम आवास, सीएम आवास, ग्राम पंचायत, सौर ऊर्जा के जरिये उत्तर प्रदेश की नई कहानी भी दिखेगी. डिजिटल कॉर्नर में पहुंचकर उत्तर प्रदेश का हर नागरिक अपने गांव में जल, टैब, जलापूर्ति की वास्तविक स्थिति भी जान सकेंगे.

मेरे गांव की नई पहचान होगी थीम

ग्रामीण जलापूर्ति व नमामि गंगे विभाग महाकुंभ 2025 में 'स्वच्छ सुजल गांव' बसाया गया है. इस गांव का दर्शन 10 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा. 'पेयजल का समाधान, मेरे गांव की नई पहचान' थीम पर यह गांव 40 हजार वर्ग फीट एरिया में बसेगा.  47 दिन तक इस गांव में अलग-अलग कार्यक्रम भी होंगे. प्रदर्शनी में बुंदेलखंड के ग्रामीण महिलाओं को मंच मुहैया कराया जाएगा. 

जल संकट से नहीं हो पाती थी शादियां

बांदा, झांसी, चित्रकूट के कई गांवों में पानी न होने के कारण शादी नहीं हो पाती थी. ललितपुर व महोबा के उन गांवों की महिलाएं, पानी ढोने के कारण जिनके सिर से बाल गायब हो गए थे. शुद्ध पानी से जीवन में आए बदलाव की कहानी को वे बयां करेंगी. यहां हर जानकारी पांच भाषा (हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, तेलगू व मराठी) में मिलेगी. 

'जल मंदिर' भी देगा संदेश

ग्रामीण जलापूर्ति व नमामि गंगे विभाग की तरफ से महाकुम्भ में 'जल मंदिर' भी बनाया जाएगा. 'जल मंदिर' में भगवान शिव की जटा से गंगा धरती पर आएंगी. इसके जरिए संदेश दिया जाएगा कि जल प्रसाद है, जल जीवनदायी है. इसे बर्बाद न करें, बल्कि संरक्षण करें. 'जल मंदिर' में सुबह-शाम जल आरती भी होगी. इस आरती में जल जीवन मिशन की गाथा, जल संरक्षण का संदेश भी होगा. 

 नमामि गंगे विभाग करेगा सम्मान

स्वच्छ सुजल गांव में आने वाले अतिथियों का नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग सम्मान भी करेगा. आगंतुकों को जूट-कपड़े के बैग में 'जल प्रसाद' भी दिया जाएगा. इसमें संगम का जल, जल जीवन मिशन की डायरी, सफलता-बदलाव की कहानी से जुड़ी अध्ययन सामग्री भी रहेगी.

डिजिटल गेमिंग जोन 

इस गांव में डिजिटल स्क्रीन, डिजिटिल गेमिंग जोन लॉन्च किया जाएगा. गेम जोन का हिस्सा बनकर लोग जानेंगे कि स्वच्छ पेयजल के फायदे व दूषित पेयजल के नुकसान क्या हैं. लोग खेल-खेल में डिजिटली जान सकेंगे. कि जल संरक्षण क्यों जरूरी हैं. डिजिटल कॉर्नर में आए यूपी के ग्रामीण एक क्लिक में अपने गांव में पानी, टैब, जलापूर्ति की जानकारी ले पाएंगे.

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