Atiq Ashraf Murder: उमेश पाल हत्याकांड और अतीक तथा उसके भाई मोहम्मद अशरफ की हत्याकांड में शामिल अपराधियों तक पुलिस कब तक पहुंच पाएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि शाइस्ता परवीन, साबिर, गुडुडू मुस्लिम अब भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं.
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प्रयागराज:उमेश पाल हत्याकांड को लगभग 3 महीने का समय बीत गया है. लेकिन अभी भी पांच लाख के इनामी तीन अपराधी यूपी पुलिस के लिए चुनौती बने हैं. इनमें 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन, एक लाख का इनामी सद्दाम पुलिस को लगातार छका रहे हैं.वहीं अशरफ की पत्नी जैनब, बहन आयशा नूरी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं.
सवाल है कि क्या पुलिस की कार्रवाई भी धीमी पड़ती जा रही है. मर्डर केस में शामिल गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान पर पांच लाख का इनाम घोषित है. हत्याकांड के बाद पुलिस की गिरफ्तर से बाहर है. बताया जाता है कि साबिर फरारी के दौरान ही दो बार शहर भी आया,लेकिन पुलिस उसे पकड़ पाने में नाकाम रही. 16 अप्रैल को पहली बार और 2 मई को दूसरी बार खुल्दाबाद में अतीक के करीबी जफरउल्लाह के घर आकर ठहरा. पुलिस के पहुंचने से पहले ही भाग भी निकला. 16 अप्रैल को उसके साथ शाइस्ता भी आई थी. वह भी चुपचाप अगले दिन निकल भागी. सवाल ये है कि अतीक के करीबी के घर रुकने के बाद भी पुलिस दोनों को क्यों नहीं दबोच पाई. गुड्डू मुस्लिम व अरमान भी अब तक नहीं पकड़े जा सके हैं. बीच में यह खबर भी सामने आई कि उसने सासाराम में किसी पुराने मामले में सरेंडर कर दिया. यदि ऐसा है तो पुलिस ने उसे बी वारंट पर लाने और रिमांड बनवाकर कस्टडी रिमांड पर ले सकती थी.
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गुड्डू बना पहेली
उमेश और अतीक अशरफ हत्याकांड में सबसे चर्चित नाम गुड्डू मुस्लिम पहेली बनकर रह गया है. पहली बार उसका नाम तब सुर्खियों में आया जब उमेश पाल की हत्या के दौरान वह मौके पर ताबड़तोड़ बम बरसाता नजर आया. अतीक अशरफ हत्याकांड के वक्त अशरफ ने उसी का नाम लिया. दरअसल इन तीनों की गिरफ्तारी इसलिए भी बेहद अहम है क्योंकि ये हत्याकांड के सबसे प्रमुख राजदार हैं.
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