Advertisement
trendingPhotos/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2575611
photoDetails0hindi

पीडीए से चमके अखिलेश, 'बंटेंगे तो कटेंगे' से योगी ने पलटा पासा, 2024 में यूपी की ये सियासी घटनाएं सुर्खियों में रहीं

साल 2024 खत्म होने वाला है. खेल,कारोबार से लेकर राजनीति के लिहाज से भी ये साल कई मायनों में खास रहा. उत्तर प्रदेश की राजनीति के भी कई रंग देखने को मिले. नेताओं ने पाले बदले, सियासी दलों की नई जोड़ियां बनीं. नारों ने चुनावी माहौल बदला.चुनाव जीतने पीडीए जैसे नए फॉर्मूले भी निकले.

लोकसभा चुनाव में मुरझाया कमल

1/10
लोकसभा चुनाव में मुरझाया कमल

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा. जहां 2014 में 73 और 2019 में 64 सीटें जीतने वाले बीजेपी गठबंधन के खाते में केवल 36 सीटें ही आईं जबकि इंडिया गठबंधन को 43 सीटों पर जीत मिली.

 

सपा पीडीए फॉर्मूला

2/10
सपा पीडीए फॉर्मूला

सपा ने लोकसभा चुनाव 2024  पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले पर लड़ा. जो हिट साबित हुआ. सपा ने चुनाव में 37 सीटों पर जीत दर्ज की.बीजेपी के केंद्र में पूर्ण बहुमत से पिछड़ने में सपा के इस प्रदर्शन को अहम फैक्टर माना जाता है.

 

अयोध्या सपा की जीत

3/10
अयोध्या सपा की जीत

लोकसभा चुनाव में सबसे चर्चा में जो सीट रही वह थी, फैजाबाद की (अयोध्या). यहां बीजेपी के सांसद लल्लू सिंह को हराकर समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद लोकसभा पहुंचे. वहीं मेरठ में  रामायण के 'राम' अरुण गोविल ने जीत दर्ज की.

जयंत-बीजेपी गठबंधन

4/10
जयंत-बीजेपी गठबंधन

इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय लोकदल ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया था. इससे पहले वह समाजवादी पार्टी के साथ थे. गठबंधन टूटने की वजह सीट शेयरिंग पर बात न बनना माना गया था.

 

सपा-कांग्रेस साथ आए

5/10
सपा-कांग्रेस साथ आए

वहीं 'दो लड़कों' (अखिलेश यादव-राहुल गांधी) की जोड़ी लोकसभा चुनाव से पहले फिर एक साथ आई. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा. जो दोनों के लिए सफल रहा.

पीडीएम

6/10
पीडीएम

लोकसभा चुनाव से पहले पल्लव पटेल, असदुद्दीन ओवैसी साथ आए थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी के पीडीए के जवाब में पीडीएम (पिछड़ा, दलित, मुस्लिम) मोर्चा बनाया. गठबंधन ने उम्मीदवार भी उतारे लेकिन किसी को जीत नहीं मिली.

 

उपचुनाव में लहराया भगवा

7/10
उपचुनाव में लहराया भगवा

लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में खाली हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की लड़ाई थी. लोकसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी ने कमबैक करते हुए उपचुनाव वाली 9 सीटों में से 7 पर कमल खिलाया. करहल और सीसामऊ में भी पार्टी के प्रत्याशियों ने कड़ा मुकाबला किया.

कुंदरकी में बीजेपी की पहली जीत

8/10
कुंदरकी में बीजेपी की पहली जीत

यूपी उपचुनाव में जिस सीट की सबसे ज्यादा चर्चा हुई, वह थी मुरादाबाद की कुंदरकी. मुस्लिम बहुल सीट पर बीजेपी ने पहली बार कमल खिलाकर इतिहास रच दिया. यहां से बीजेपी के रामवीर सिंह ने उपचुनाव मे सबसे बड़ी जीत दर्ज की.

 

बीजेपी में हलचल की अटकलें

9/10
बीजेपी में हलचल की अटकलें

'उत्तर प्रदेश बीजेपी में सब कुछ सही नहीं है' ऐसी खबरें लोकसभा चुनाव के बाद सियासी गलियारों में खूब छाई रहीं. सीएम योगी आदित्याथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच सामने सब कुछ ठीक लेकिन पर्दे के पीछे तनातनी की चर्चा हुई. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को लेकर भी कुछ ऐसी ही चर्चाओं ने जोर पकड़ा.

 

ये नारे चर्चा में रहे

10/10
ये नारे चर्चा में रहे

सीएम योगी आदित्यनाथ का बंटेंगे तो कटेंगे नारा भी खूब चर्चा में रहा. यूपी ही नहीं इस नारे ने हरियाणा से लेकर महाराष्ट और झारखंड विधानसभा चुनाव में भी खूब सुर्खियां बटोरीं. बीजेपी की जीत में इसे अहम फैक्टर माना गया.