उत्तराखंड में स्पा सेंटर के नाम पर अश्लीलता और बुरे काम हो रहे हैं. ऐसी शिकायतें मिलने के बाद अब राज्य महिला आयोग एक्शन में है. आयोग ने राज्य शासन को इस बारे में गाइडलाइंस भेजी हैं.
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कुलदीप नेगी/देहरादून: प्रदेश में संचालित स्पा सेंटर के लिए अब एक गाइडलाइन भी तैयार होगी. इसके साथ ही उनका रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य किया जाएगा. इस संबंध में राज्य महिला आयोग की तरफ से शासन को गाइडलाइन का प्रारूप भेजा गया है. इस पर शासन की मुहर लगनी बाकी है. दरअसल राज्य में थोक के भाव खुले स्पा सेंटर को लेकर अभी तक भी कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल का कहना है कि पिछली मर्तबा जब वह कुमाऊं क्षेत्र के दौरे पर गई थी तो उन्होंने कुछ स्पा सेंटर का निरीक्षण भी किया जहां पर उन्हें बहुत खामियां भी पाई गई. इस संबंध में यह तय किया गया कि स्पा सेंटर के लिए भी एक गाइडलाइन होनी चाहिए.
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल का कहना है कि आयोग की तरफ से गाइडलाइन शासन को भेजी गई हैं. उम्मीद है कि बहुत जल्द शासन की ओर से गाइडलाइन भी फाइनल कर दी जाएगी , जिसके बाद स्पा सेंटरों का रजिस्ट्रेशन भी हो सकेगा और उनकी लगातार मॉनिटरिंग भी हो सकेगी.
दरअसल पिछले काफी समय से उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में स्पा सेंटर के नाम पर देह व्यापार और गैर कानूनी गतिविधियों की शिकायतें मिल रही हैं. पुलिस ने कई जगहों पर न सिर्फ खुलासा किया है बल्कि ऐसे स्पा सेंटर पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने तलाशी अभियान भी तेज कर दिया है.
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स्पा सेंटरों में कर्मचारियों का सत्यापन भी नहीं किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि अवैध रूप से संचालित स्पा सेंटर संचालक एक कर्मचारी को सेंटर के बाहर तैनात कर देते हैं. इस शख्स को जैसे ही पुलिस के आने की खबर लगती है वह स्पा के भीतर सभी को जानकारी दे देता है.