नोएडा के नामी बिल्‍डर पर लटकी कार्रवाई की तलवार, रेरा ने नोटिस भेज प्रोजेक्‍ट पर लगाई रोक
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नोएडा के नामी बिल्‍डर पर लटकी कार्रवाई की तलवार, रेरा ने नोटिस भेज प्रोजेक्‍ट पर लगाई रोक

नोएडा स्थित M3M इंडिया प्रा.लि.की परियोजना NOIDEA  का अगर नहीं रुका प्रचार- प्रसार और विकास तो प्रोमोटर को हो सकती है 3 साल की जेल. M3M इंडिया प्रा.लि.का परियोजना NOIDEA प्रोजेक्ट हो सकता है बंद.

NOIDEA प्रोजेक्ट विवाद (file photo)

बलराम पांडे/ ग्रेटर नोएडा: अगर आप नोएडा में रहते हैं तो यह खबर आपके लिए है. गौतमबुद्ध नगर स्थित M3M इंडिया प्रा.लि.की परियोजना NOIDEA के प्रोजेक्ट पर खतरा मंडरा रहा है. अब इस कंपनी का यह प्रोजेक्ट विवादों में फंसता नजर आ रहा है. उत्तर प्रदेश रेरा  (Uttar Pradesh Real Estate Regulatory Authority) ने M3M इंडिया प्रा.लि. नाम की कंपनी के परियोजना NOIDEA को नोटिस भेजा है. यूपी रेरा के अनुसार, M3M इंडिया प्रा.लि. ने अपनी परियोजना NOIDEA का रेरा में रजिस्ट्रेशन नहीं किया है यूनिट की बिक्री के लिए प्रचार-प्रसार का काम शुरू कर दिया है. यह रेरा अधिनियम की धारा-3 का प्रत्यक्ष उल्लंघन है. अधिनियम की धारा-59 के अंतर्गत प्रोमोटर को परियोजना की लागत का 10% पेनाल्टी 3 साल तक की जेल भी हो सकती है. यूपी रेरा M3M इंडिया पर सख्त कार्यवाही के लिए तैयार है. 

उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट क्षेत्र में रेरा किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है. रेरा ने गौतम बुद्ध नगर स्थित M3M इंडिया प्रा.लि. की परियोजना NOIDEA द्वारा रेरा अधिनियम की हो रही अवहेलना की जानकारी मिलते ही तत्काल कार्यवाही का नोटिस जारी किया.उ.प्र. रेरा ने पाया कि मेसर्स M3M इंडिया प्रा.लि. ने अपनी परियोजना NOIDEA की रेरा रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं की है और यूनिट की बिक्री हेतु प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है. जो कि रेरा अधिनियम की धारा-3 का उल्लंघन है. प्राधिकरण ने पाया कि प्रमोटर द्वारा इस बात के साक्ष्य भी मौजूद हैं कि वो लगातार अपनी परियोजना को विभिन्न माध्यमों से जन सामान्य तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. 

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रेरा सचिव ने बताया कि रेरा अधिनियम का निर्माण होम-बायर्स के हितों की सुरक्षा और रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास के किए हुआ है. उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट क्षेत्र में रेरा अधिनियम आने के पूर्व बिल्डरों ने जो भी मनमानी की हो पर अब इन पर तत्काल कार्यवाही कर सख्ती से निपटा जाएगा. श्री राजेश त्यागी ने बताया कि अगर प्रदेश के अन्य प्रोमोटर्स को भी इस प्रकार के उल्लंघन में पाया गया तो कार्यवाही में जरा सी भी देर नहीं की जाएगी.

हिदायत

प्रमोटर्स करें धारा 3/59 का सख्ती से पालन. उ.प्र. रेरा सचिव ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य में यदि कोई भी प्रोमोटर प्राधिकरण की सीमा में आने वाली अपनी किसी भी परियोजना के साथ विकास करना चाहता है तो रेरा के अधिनियम की धारा 3/59 का विशेष ध्यान रखे. 

धारा 3/59 के अनुसार 

धारा 3. भू-सम्पदा परियोजना का भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण के पास पूर्व पंजीयन- (1) कोई भी प्रवर्तक, भू-सम्पदा परियोजना को इस अधिनियम के अधीन स्थापित भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण से पंजीयन कराए बिना, किसी योजना क्षेत्र में यथास्थिति, किसी भू-सम्पदां परियोजना या उनके भाग का किसी भी रीति से किसी भी भू-खण्ड, अपार्टमेन्ट या भवन या उसके किसी भाग को किसी भी रीति से विपणन, बुक, विक्रय या विक्रय करने की प्रस्थापना अथवा क्रय के लिए व्यक्तियों को विज्ञापन द्वारा आमंत्रित नहीं करेगा :

धारा 59 क्या है

धारा-3 के अधीन पंजीकरण न कराया जाने के लिए दण्ड–(1) यदि कोई प्रवर्तक धारा-3 के प्रावधानों का अतिलंघन करता है तब वह ऐसी शास्ति, जो प्राधिकरण द्वारा यथानिर्धारित भू-सम्पदा परियोजना की अनुमानित लागत का दस प्रतिशत तक विस्तारित हो सकती है, का दायी होगा.

यदि प्रवर्तक उपधारा (1) के अधीन निर्गत आदेशों, निर्णयों या निर्देशों का अनुपालन नहीं करता या धारा-3 के प्रावधानों का सतत् उल्लंघन करता है तब वह कारावास जिसकी अवधि 3 वर्ष तक हो सकती है या जुर्माना जो भू-सम्पदा परियोजना की अनुमानित लागत के 10% तक हो सकती है या दोनों भी हो सकती है. 

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