योगी मंत्री परिषद की विशेष बैठक 22 जनवरी को मेला प्राणिकरण के आई ट्रिपल सी यानी इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के सभागार में सुबह 11 बजे से होगी.
अभी तक तय कार्यक्रम के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम के साथ ही मंत्री परिषद के सभी सदस्य सुबह करीब 8 बजे संगम पहुंचेंगे और स्नान करेंगे.
संगम पर गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी की धारा में आस्था की डुबकी लगाने के बाद पूजा अर्चना करेंगे. इसके बाद कुछ संत महात्माओं के यहां उनका दर्शन कर आशीर्वाद लेंगे.
इसके बाद सुबह 11 बजे से आई ट्रिपल सी सभागार में मंत्री मंडल की विशेष बैठक शुरू हो जाएगी. इसमें अयोध्या, काशी, प्रयागराज, मिर्जापुर और चित्रकूट को एक तीर्थ क्षेत्र बनाए जाने का प्रस्ताव पेश किया जा सकता है.
इन सात शहरों के धार्मिक स्थलों को एक सर्किट और कॉरिडोर बनाए जाने का ऐलान भी किया जा सकता है. तीर्थ सर्किट बनने से देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन करने में सुविधा होगी.
साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का विस्तार चित्रकूट से बढ़ाकर प्रयागराज तक किए जाने पर भी कैबिनेट मुहर लगा सकती है. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे विस्तार से प्रयागराज से चित्रकूट और झांसी पहुंचना आसान हो जाएगा.
इसके अलावा मथुरा की तर्ज पर प्रयागराज शहर में संगम के आसपास के इलाके को तीर्थ क्षेत्र घोषित किया जा सकता है. धार्मिक क्षेत्र में प्रयागराज और वाराणसी के अलावा चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मीरजापुर, भदोही जिले भी शामिल होंगे. इस क्षेत्र का आकार 22 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक का होगा.
प्रयागराज में रिंग रोड और गंगा व यमुना नदियों पर नए पुल को भी मंजूरी दी जा सकती है. प्रयागराज में इनर रिंग रोड का निर्माण कार्य पहले ही लगभग पूरा हो चुका है. आउटर रिंग रोड 65 किलोमीटर लंबा होगा, इस पर 7048 करोड़ दो चरणों में खर्च होंगे. पहले चरण में 3200 करोड़ से 32 किमी के रिंग रोड को मंजूरी मिल चुकी है. 23 किमी के दूसरे चरण की घोषणा 22 जनवरी को हो सकती है.
योगी कैबिनेट की बैठक के दौरान आम श्रद्धालुओं को असुविधा न हो, इसके भी इंतजाम किए जा गए हैं. प्रयागराज पुलिस ने खास ट्रैफिक प्लान भी तैयार किया है. बैठक इसलिए अरैल घाट के निकट हो रही है.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे निर्माण का ऐलान हुआ था बता दें कि इससे पहले साल 2019 में भी योगी सरकार की कैबिनेट बैठक प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में की गई थी. उस बैठक में भी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण समेत कई अहम फैसले लिए गए थे.
साल 2019 कुंभ में भी सीएम योगी ने पूरी कैबिनेट के साथ संगम में आस्था की डुबकी लगाई थी. तब मुख्यमंत्री के साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और अन्य साधु संतों ने भी संगम में स्नान किया था.
जानकारी के मुताबिक, इस बार कैबिनेट बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्य, जयवीर सिंह शामिल होंगे.
इनके साथ ही लक्ष्मी नारायण चौधरी, धर्मपाल, नंदगोपाल नंदी और अनिल राजभर सहित सभी 21 मंत्री और बाकी स्वतंत्र प्रभार वाले और राज्यमंत्री सहित कुल 54 मंत्री कैबिनेट बैठक में शामिल होंगे.
उत्तराखंड की तर्ज पर यूपी में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किए जाने के प्रारूप के लिए किसी कमेटी के गठित किए जाने का ऐलान भी हो सकता है. उत्तराखंड में तीन साल लंबी कवायद के बाद 26 जनवरी से समान नागरिक संहिता लागू हो रही है.