Rang Panchami 2023: खत्म नहीं हुआ होली का खुमार, आज धरती पर आकर होली खेलेंगे देवी-देवता, जानें रंगोत्सव का महत्व
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Rang Panchami 2023: खत्म नहीं हुआ होली का खुमार, आज धरती पर आकर होली खेलेंगे देवी-देवता, जानें रंगोत्सव का महत्व

Rang Panchami 2023: रंग पंचमी के साथ ही ब्रज मंडल में चलने वाले 40 दिवसीय होली के पर्व का समापन होगा...रंग पंचमी के दिन श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा का विधान है.. इस दिन श्री राधाकृष्ण की पूजा से व्यक्ति के जीवन में प्रेम स्थापित होता है...

 

प्रतीकात्मक फोटो

Rang Panchami 2023: हर साल की तरह इस साल भी होली का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया गया. होली का त्योहार दो दिन का होता है, जिसमें पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है. । हालांकि होली का उत्साह अभी भी जारी है. होली के पांच दिन बाद रंग पंचमी मनाई जाती है. इस दिन भी रंगोत्सव होता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान होली खेलते हैं और देवतागण रंगोत्सव मनाते हैं.  होली के पांचवें दिन यानी चैत्र कृष्ण पंचमी को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है.  रंग, उमंग और आस्था से जुड़ा रंग पंचमी का यह पावन पर्व इस साल 12 मार्च 2023 को मनाया जा रहा है. 

रंग पंचमी 2023 तिथि-शुभ मुहूर्त (Rang Panchami Shubh Muhurat)

चैत्र मास की रंगपंचमी तिथि आरंभ
11 मार्च, रात्रि 10: 06  मिनट पर 

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चैत्र मास की रंगपंचमी तिथि समाप्त
12 मार्च रात्रि 10.02 मिनट पर  

अभिजित- दोपहर 12:07 से लेकर 12:55 बजे तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:30 से लेकर 03:17 बजे तक.

धार्मिक महत्व
रंग पंचमी का दिन देवी-देवताओं की रंगों के माध्यम से पूजा-आराधना के लिए जाना जाता है. इस दिन लोग अपने आराध्य का ध्यान करते हुए विशेष रूप से आसमान की ओर अबीर और गुलाल फेंकते हैं. लोगों को मान्यता है कि ऐसा करने से उनके आराध्य देवी-देवता प्रसन्न होकर उनका जीवन खुशियों से भर देते हैं. देवी-देवताओं की कृपा बरसाने वाली रंग पंचमी के दिन अपने आराध्य के साथ भगवान श्री विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी या फिर राधा-कृष्ण की विशेष रूप से पूजा की जाती है. बरसाना में राधा रानी की मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है. पूजा के बाद लोग अबीर-गुलाल उड़ाते हैं और होली खेलते हैं.

रंग पंचमी की पूजा-विधि
रंग पंचमी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान करने के बाद सबसे पहले सूर्य नारायण को जल चढ़ाएं. उसके बाद अपने आराध्य की प्रतिमा या फोटो को किसी चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर ईशान कोण या फिर उत्तर दिशा में रखें. रंग पंचमी को लेकर जुड़ी मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी. इसलिए इस दिन श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है. 

ऐसे मनाते हैं रंगपंचमी
रंगपंचमी के दिन रंगों से नहीं बल्कि गुलाल से होली खेली जाती है. ऐस माना जाता है कि रंग पंचमी के दिन वातावरण में गुलाल उड़ाना शुभ होता है. धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि रंगपंचमी के  दिन देवी-देवता भी पृथ्वी पर आते हैं. ये भी कहा जाता है कि हवा में उड़ने वाली अबीर-गुलाल के संपर्क में जो व्यक्ति आ जाता है उसको हर पापों से छुटकारा मिल जाता है.

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