Breastfeeding: एक मां के सामने उसका नवजात शिशु हो और वो स्तनपान कर रहा हो, ऐसे में अगर मां उस पर ध्यान देने के बजाए स्मार्टफोन चलाती है तो इसके कई तरह के बुरे प्रभाव हो सकते हैं जिससे बच्चे को खासा परेशानी हो सकती है. ऐसे में जरूरी है कि मां को अपने बच्चे को दूध पिलाने पर ही ध्यान देना चाहिए न कि स्मार्टफोन पर.
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Parenting Tips : एक महिला जब गर्भावस्था के नौ महीने में अपने बच्चे को अपने अंदर रखती है तभी से वो एक मां बन जाती है. क्या खाए, कितना खाए, कब खाए और कैसे रहे, ये सब वह यह सोचकर तय करती है कि कहीं उसके बच्चे पर कोई बुरा असर न पड़ जाए. लेकिन बच्चे के जन्म के बाद एक मां की जिम्मेदारियां और बढ़ जाती हैं. बच्चा सामने होता है उसे दूध पिलाना, उसका ध्यान रखना, उसकी जरूरतों का खास ख्याल रखना. लेकिन जब से फोन अस्तित्व में आया है कई सवाल भी लेकर आया है, जैसे कि क्या नवजात शिशु को ब्रेस्टफिडिंग (breastfeeding) करवाते समय मां को फोन यूज करना चाहिए? फोन को लेकर किस तरह की सावधानी एक मां को बरतनी चाहिए. आज हम यही जानेंगे.
असंतुष्ट रह सकता है बच्चा
आज के दौर में स्मार्टफोन (smartphone) हमारी जिंदगी का ऐसा हिस्सा हो चुका है जिससे चाहकर भी दूर नहीं रहा जा सकता है लेकिन नवजात शिशु की मां को क्या करना चाहिए? विशेषज्ञों की माने तो ब्रेस्टफीडिंग के समय स्मार्टफोन को यूज करने से मां के द्वारा शिशु को पकड़ने का पोस्चर बिगड़ सकता है. इससे शिशु के साथ सामनजस्य बैठा पाने में मां को दिक्कत हो सकती है. ऐसा होने से मां कमर दर्द से जूझ सकती है.
इतना ही नहीं ब्रेस्टफीडिंग के समय जब मां का ध्यान स्मार्टफोन पर रहता है तब मां का ध्यान शिशु से और शिशु का ध्यान दूध पीने से भटक सकता है. हो सकता है कि शिशु ठीक से दूध न पी पाए और इससे वो असंतुष्ट रह जाए. ऐसे में होगा ये कि उसकी नींद पूरी नहीं होगी और वो चिढ़चिढ़ा भी हो सकता है.
गर्दन नीचे लटकने का डर
स्तनपान के समय अगर मां का ध्यान भटका तो शिशु की गर्दन नीचे लटक सकती है जिसके अलग ही बुरे असर हैं, सोचिए कि शिशु तो नवजात है वो खुद को बैलैंस में नहीं रख सकता है, ऐसे में मां को ध्यान रखना होगा कि क्या वो सही तरीके से ब्रेस्टफीडिंग कर रहा है या नहीं.
सांस लेने में हो सकती है दिक्कत
कभी कभी ऐसा हो सकता है कि बच्चे पर ध्यान नहीं देने से बच्चा मां के स्तन तक सही तरीके से पहुंच न पाए या फिर ऐसा भी डर है कि उसका मुंह-नाक स्तन से दब जाए. इससे बच्चे को सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है. स्मार्टफोन पर लगे रहने से मां का इस बात से भी ध्यान भटक सकता है.
शिशु से बातचीत करना जरूरी
एक स्टडी के अनुसार स्तनपान के समय मां के द्वारा स्मार्टफोन यूज करना मां और शिशु के बीच होने वाली बातचीत को बाधित करता है. दोनों के बीच की बातचीत की क्वालिटी प्रभावित होती है.
रेडिएशन का खतरा
स्मार्टफोन से जो माइक्रोवेव रेडिएशन (Microwave radiation) निकलते हैं वो शिशु की सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं. मां को दूध पिलाते समय या फिर अन्य समय पर भी स्मार्टफोन से दूरी बनाकर रखते हुए बच्चे पर ध्यान देना चाहिए.
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