Navratri Hawan 2022: देवी दुर्गा की पूजा का पूर्ण फल देने वाले हवन को कब और कैसे करें, संपूर्ण विधि और नियम जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख....
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Shardiya Navratri Havan 2022: भारतीय धर्म में किसी भी पूजा-पाठ में हवन का बेहद ही महत्व होता है. गृह प्रवेश हो या वैवाहिक कार्यक्रम हर शुभ कार्यों में हवन को प्राथमिकता दी जाती है. शारदीय नवरात्रों में भी मां दुर्गा के 9 दिन व्रत रखने के बाद व्रत के आखिरी दिन हवन करने का महत्व है.नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों के दर्शन पूजन के बाद अष्टमी और नवमी को माता के हवन का भी प्रावधान है.
जानें कब है दुर्गा अष्टमी और महानवमी ?
नवरात्रि में कुछ लोग दुर्गा अष्टमी तो कुछ महानवमी के दिन हवन करते हैं. अष्टमी का व्रत 3 अक्टूबर को रखा जाएगा. 4 अक्टूबर को नवमी तिथि दोपहर 02 बजकर 22 मिनट तक है. ऐसे में अष्टमी और नवमी तिथि समाप्त होने से पहले हवन कर लें.
हवन करने से माता दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. हवन करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मकता बढ़ती है. हवन करने से व्रत पूर्ण माना जाता है.हवन करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
हवन करने के नियम
अष्टमी और नवमी तिथि को मां दुर्गा के नाम से हवन पूजन पाठ करने का महत्त्व है. सुबह उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनकर मां का नाम जपना चाहिए. इसके बाद पूजा और हवन की जगह को साफ कर लें. ध्यान रखें हवन करने के दौरान बीच में बोलना नहीं चाहिए. मां का ध्यान करते हुए हवन करें.हवन करने से पहले हवन कुंड का पंचभूत संस्कार जरूर करना चाहिए. वेदी को साफ करके हवन कुंड पर गाय के गोबर या मिट्टी से लेप करना चाहिए. उसके बाद हवन करना शुरू करना है. हवन कुंड को फूल माला अर्पित करें. हवन की शुरुआत देवी के मंत्रों से करें. मां दुर्गा के पूजन हवन में दुर्गा सप्तशती का 11 बार पाठ जरूर करना चाहिए.
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ये रही नवरात्रि हवन की सामग्री
हवन कुंड, हवन सामग्री, देसी घी, सूखा नारियल, लाल कलावा, रोली, चंदन, समिधा, कपूर, धूप, अगरबत्ती, अक्षत,आम या केले के पत्ते, पान के पत्ते, मिष्ठान, 5 तरह के फल, गंगाजल, चरणामृत, गुग्गल, लोबान, शहद, कपूर, फूलों की माला लाल वस्त्र ,सुपारी इत्यादि रखें.
हवन करने का महत्व
धार्मिक शास्त्रों में मान्यता है कि हवन में डाली गई सामग्रियां वातावरण को शुद्ध करती हैं और नकारात्मक ऊर्जा का नाश करती हैं. हवन करते समय देवी-देवताओं के मंत्रों का जाप किया जाता है. इन मंत्रों के जाप से वातावरण में नई ऊर्जा का सृजन होता है और मस्तिष्क पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है. हवन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि जब वातावरण शुद्ध होगा तो विचार भी शुद्ध ही आएंगे.
इन मंत्रों से दें आहुति
ओम् आग्नेय नम: स्वाहा
ओम् गणेशाय नम: स्वाहा
ओम् नवग्रहाय नम: स्वाहा
ओम् दुर्गायै नम: स्वाहा
ओम् महाकालिकाय नम: स्वाहा
ओम् हनुमते नम: स्वाहा
ओम् भैरवाय नम: स्वाहा
ओम् स्थान देवताय नम: स्वाहा
ओम् कुल देवताय नम: स्वाहा
ओम् ब्रह्माय नम: स्वाहा
ओम् विष्णुवे नम: स्वाहा
ओम् शिवाय नम: स्वाहा
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Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.
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