Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर सोशल मीडिया पर बालाजी मंदिर कमेटी का एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें मंदिर परिसर में महिलाओं और लड़कियों के जींस, स्कर्ट टॉप और कटे फटे कपड़े पहन कर आने पर बैन लगाए जाने की हिदायतें लिखी गई हैं.
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अंकित मित्तल/मुज़फ़्फ़रनगर: यूपी के मुजफ्फरनगर में बालाजी मंदिर प्रबंध कमेटी का एक फरमान सामने आया है. कमेटी ने महिलाओं और युवतियों को लेकर मंदिर परिसर के बाहर और अंदर नोटिस बोर्ड लगा दिया है, जिस पर साफ साफ लिखा है कि कोई भी महिला या युवती मंदिर परिसर में जींस, स्कर्ट टॉप और कटे फटे वस्त्र पहनकर नहीं आएंगी. इस तरह का फरमान जारी करने के बाद बालाजी मंदिर सोशल मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है.
बता दें कि मंगलवार सुबह मुजफ्फरनगर सोशल मीडिया पर नई मंडी थाना क्षेत्र में स्थित बालाजी मंदिर कमेटी का एक पोस्ट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें मंदिर परिसर में महिलाओं और लड़कियों के जींस, स्कर्ट टॉप और कटे फटे कपड़े पहन कर आने पर बैन लगाए जाने की हिदायतें लिखी गई हैं.
बालाजी मंदिर कमेटी के क़ानूनी सलाहकार अशोक शर्मा का कहना है कि मंदिर एक धार्मिक क्षेत्र है. इस मंदिर में जी भी श्रदालु आये वो धार्मिक परिधान में ही आए वो अच्छा रहेगा. हो ये रहा है जो युवा वर्ग है वो जब मंदिर में आता है कोई भी परिधान पहन कर आ जाता है जैसे स्कल्ट पहन आए फटी हुई जींस पहन आए लड़का है तो हाफ़ कच्छा पहन आया.
उन्होंने कहा, ''हमने तय किया है कि जिस परिधान से मंदिर में बैठे भक्तजन परेशान हों या कटाक्ष करें, ऐसे वस्त्र मंदिर में पहनकर आना अशोभनीय है, इसको लेकर हमने सलाह दी है कि कोई भी व्यक्ति मंदिर में स्कर्ट, नेकर, फटी जींस, रात्रि परिधान व हाफ़ लोवर पहन कर मंदिर में प्रवेश ना करे. अगर ज़्यादा ही ज़रूरी हो तो बाहर से दर्शन करके दर्शन लाभ ले.''
वहीं दर्शन करने आए श्रद्धालुओं विकल्प जैन ने मंदिर की इस सलाह की सराहना की और कहा कि अन्य मंदिर में भी इस तरह के नियम लागू होने चाहिए. एक श्रद्धालु आर्यन शर्मा ने कहा कि मैं आज बरमूडा पहन कर मंदिर में आ गया था, मुझे पता नहीं था आगे से कभी ऐसे कपड़े पहन कर नहीं आउंगा.
मंदिर के सेवक लक्की ने बताया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि बालाजी मंदिर में पुरुषों के साथ महिलाएं लड़कियां और बच्चे दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. बालाजी मंदिर कि अपनी एक मर्यादा है, जिसे हम सब को फॉलो करना चाहिए. इसीलिए मंदिर कमेटी ने नए नियम कानून बनाए हैं.