उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा में जूता मार होली खेली गई. दरअसल, मथुरा के गांव बछगांव में जूता-चप्पल मार होली खेली जाती है. इसमें अपने से छोटों के चप्पल और जूता मारकर आशीर्वाद दिया जाता है. साथ ही उसे सकारात्मक विचारों के साथ सही राह दिखाने के लिए जागरूक किया जाता है.
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मथुरा: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा में जूता मार होली खेली गई. दरअसल, मथुरा के गांव बछगांव में जूता-चप्पल मार होली खेली जाती है. इसमें अपने से छोटों को चप्पल और जूता मारकर आशीर्वाद दिया जाता है. साथ ही उसे सकारात्मक विचारों के साथ सही राह दिखाने के लिए जागरूक किया जाता है. इसी परपंरा को आगे बढ़ते बुधवार को धूलेड़ी के दिन गांव बछगांव में जूता-चप्पल मार होली खेली गई.
फाल्गुन माह आते ही ब्रज में होने लगता है होली महोत्सव
आपको बता दें कि फाल्गुन माह आते ही ब्रज में होली महोत्सव, होलिका दहन, हुरंगा जैसे कार्यक्रम आयोजित होने लगते हैं. ब्रज में कही आपने रंगों की होली, लठ्ठमार होली, कपड़ा फाड़ होली, कीचड़ होली मनाते सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि एक जगह ऐसी भी हैं, जहां एक दूसरे को गुलाल लगाकर जूता-चप्पल मार होली भी खेली जाती है. सुनकर आपको थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन ब्रज की इस अनोखी होली का अपना एक अगल ही अंदाज है. खुटैलपट्टी के गांव बछगांव के अपने से कम उम्र के लोगों को लोग गुलाल लगाकर एक-दूसरे के सिर पर जूता चप्पल मार कर होली की शुभकामनाएं और आशीर्वाद देते हैं. ये परंपरा सदियों से चली आ रही है.
सैकड़ों वर्ष पुरानी है जूता-चप्पल मारकर होली मनाने की पंरपरा
आपको बता दें कि गोवर्धन तहसील के गांव बछगांव में विगत सैकड़ों साल से जूता-चप्पल मारकर होली मनाने की पंरपरा है. इस होली में खास बात ये है कि अपने से छोटे लोगों को जूता-चप्पल मारकर होली के अवसर पर देश में अंग्रेजों द्वारा किए देशवासियों पर जुल्म के विरोध में खेली जाती है. इसके अलावा सकारात्मक विचारों और सही दिशा के लिए अग्रसर होने के लिए जागरूक करते हैं. इसके बाद बुजुर्ग होली, ब्रजगीत, रसिया समेत अन्य प्रकार की गीतों के सहारे भजन कीर्तन करते हैं. इस प्रकार ब्रज में बछगांव में होली की अद्भूत परपंरा है.