अब मरीजों का पूरा रिकॉर्ड हॉस्पिटल के पास ऑनलाइन रहेगा. उन्हें कब कौन सी दवाएं दी गईं और क्या बीमारी है, इन सब का ब्यौरा सिर्फ एक क्लिक पर मिलेगा.
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में 26 दिसंबर से हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम प्रणाली लागू हो गई है. एचएमआईएस प्रणाली लागू होने के बाद प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों, राजकीय संस्थानों, स्वायत्तशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में पेपरलेस व्यवस्था को लागू किया जा सकेगा. पहले फेज में मेडिकल एजुकेशन के गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज, झांसी, मेरठ, कानपुर और आगरा स्थित मेडिकल कॉलेज में लागू की जाएगी.
इस प्रणाली के जरिए मरीज की सारी जानकारी ऑनलाइन फीड कर डॉक्टर के कंप्यूटर तक पहुंचेगी. जांच रिपोर्ट ऑनलाइन होने के बाद डॉक्टर अपने कंप्यूटर पर देख सकेंगे. इस नई व्यवस्था की शुरुआत सोमवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की मौजूदगी में हुई. एचएमआईएस सेवा के शुरू होने से मरीज और उसके परिजनों की दौड़भाग बचेगी. साथ ही डॉक्टरों को रिसर्च में भी मदद मिलेगी.
हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर चिकित्सा महाविद्यालयों में दवाओं के स्टॉक और डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व कर्मचारियों की उपस्थिति की ऑनलाइन जानकारी भी मुहैया कराएगा. दरअसल केंद्र सरकार ई-हॉस्पिटल सिस्टम विकसित कर रही है. इसके तहत सभी हॉस्पिटल , हेल्थ वेलनेस सेंटर को हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सेंटर से जोड़ा जा रहा है.
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एचएमआईएस के लाभ
मरीजों का रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध हो जाता है. मरीज कितनी बार हॉस्पिटल आए, कब कौन सी दवाएं लिखी गईं, इसका पता लगाना आसान होता है.
चिकित्सा सेवाओं को कम स्टाफ में भी प्रभावी बनाया जा सकता है.
लागत सक्षम तरीके से मरीजों की देखभाल की जा सकती है
फास्ट, समार्ट और सही बिल बनाने में सहायक
प्रदेश के ग्रामीण और नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर रविवार को 76वें मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया. इस दौरान 1 लाख 52 हजार 666 मरीजो का इलाज मिला. इनमें 26 हजार 591 बच्चे, 63 हजार 759 महिलाएं और 62 हजार 316 पुरुष शामिल रहे. मेले में 8 हजार 832 बुखार से पीड़ित मरीज उपचार के लिए पहुंचे.
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