यूपी का सरकारी नौकरी वाला गांव, जहां से IAS-PCS ही नहीं; इसरो में वैज्ञानिक और जज भी
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1351119

यूपी का सरकारी नौकरी वाला गांव, जहां से IAS-PCS ही नहीं; इसरो में वैज्ञानिक और जज भी

Sant Kabir Nagar News: गांव के शिक्षक वैभव शुक्ल बताते हैं कि गांव के पिछड़ेपन की पहचान को मिटाने के लिए युवाओं में पढ़ने लिखने की ऐसी लगन लगी की वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए.

यूपी का सरकारी नौकरी वाला गांव, जहां से IAS-PCS ही नहीं; इसरो में वैज्ञानिक और जज भी

नीरज त्रिपाठी/संतकबीरनगर : उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल क्षेत्र का कला शुक्ल गांव पहचान की नई इबारत लिख रहा है. गांव के युवा अपनी मेधा के बल पर सरकारी नौकरी में अपनी सेवाएं दे रहे है. गांव के पिछड़े पन की पहचान मिटाने के मकसद से गांव के युवाओं ने पढ़ाई-लिखाई पर ऐसा जोर दिया कि इस छोटे से गांव की चर्चा अब दूर-दूर तक होने लगी है. अपनी प्रतिभा के बल पर गांव के कई लोग अच्छे पदों पर कार्यरत हैं. एकला शुक्ल गांव की पहचान मेधावियों के गांव के रूप में होने लगी है.

इसरो में है वैज्ञानिक
करीब 200 की आबादी वाले इस एकला शुक्ल गांव में ज्यादातर घरों के लोग सरकारी सेवा में है. आईईएस, पीसीएस से लेकर शिक्षक की नौकरी कर रहे इस गांव के युवा दूसरे लोगों के लिए नजीर बन रहे हैं. इतना ही नहीं यहां के युवाओं ने इसरो तक में अपनी धाक बनाई हुई है. गांव के सुधीर शुक्ला इसरो में सहायक वैज्ञानिक पद पर कार्यरत हैं. 

देवरिया: घटिया ईटों से हो रहा था सरोवर का निर्माण, DM जितेंद्र प्रताप सिंह ने BDO को किया सस्पेंड

कोई है जज तो कोई  IAS 
गांव के शिक्षक वैभव शुक्ल बताते हैं कि गांव के पिछड़ेपन की पहचान को मिटाने के लिए युवाओं में पढ़ने लिखने की ऐसी लगन लगी की वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए. गांव के बड़े बुजुर्ग के मार्गदर्शन और प्रेरणा से गांव के युवा प्रतिभा के बल पर सरकारी ओहदे पर अच्छे पदों पर नौकरी कर रहे हैं. गांव के करीब 35 लोग सरकारी सेवा में है.

उन्होंने बताया कि गांव के राकेश शुक्ला, विशेष सचिव न्याय, नीरज शुक्ला सहायक कमिश्नर वाणिज्य, प्रदीप  कुमार एयर फोर्स में कार्यरत हैं. गांव के दिनेश कुमार बिहार में एपीओ, विनोद त्रिपाठी खण्ड शिक्षा अधिकारी के पद पर बस्ती में तैनात हैं. वहीं, उत्कर्ष शुक्ला नेशनल हाइवे में इंजीनियर हैं. वैभव बताते हैं कि सबसे पहले गांव के राकेश शुक्ला जज बने थे, जिनकी  प्रेरणा लेकर गांव के युवाओं में सरकारी सेवा में जाने का जज्बा जगा. आज गांव के अधिकतर लोग अच्छे पदों पर कार्यरत हैं जो सरकारी सेवा में नहीं हैं, वे भी प्राइवेट नौकरी में है. गांव की पहचान बदल गयी है. युवाओं के अंदर पढ़ लिखकर अच्छे पदों पर काम करने का जज्बा बरकरार है.   

Viral Bhojpuri: पवन सिंह के गाने पर देसी भाभी ने किया कमर तोड़ डांस, वीडियो मचा रहा धमाल

 

 

 

Trending news