गोरखपुर में 'ITMS' यानि इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम शुरू हो चुका है. शहर में 13 चौराहों पर ऑटोमैटिक ट्रैफिक संचालन के साथ चालान होने लगे हैं. एक महीने में नियमों के उल्लंघन करने में करीब 30 हजार लोंगो का चालान किया गया है. इसके साथ ही नगर निगम स्थित कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारियों द्वारा यातयात नियमों के विरुद्ध का चालान किया जा रहा है.
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गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में अब ट्रैफिक जाम से लोगों को निजात मिलने लगी है. गोरखपुर की यातायात अब हाईटेक हो चुकी है, यहां 'ITMS' यानि इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम शुरू हो चुका है. जिसके कारण विभिन्न मार्गों पर लगने वाले जाम की झाम से राहत मिल रही है.
शहर में 13 चौराहों पर ऑटोमैटिक ट्रैफिक संचालन के साथ चालान होने लगे हैं. एक महीने में नियमों के उल्लंघन करने में करीब 30 हजार लोंगो का चालान किया गया है. इसके साथ ही नगर निगम स्थित कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारियों द्वारा यातयात नियमों के विरुद्ध का चालान किया जा रहा है. ITMS के चार टेक्निकल स्टाफ के साथ चार पुलिसकर्मियों की टीम सुबह छह बजे से रात के दस बजे तक कार्य करते हैं.
ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण का मुख्य उद्देश्य मरीज को कम से कम समय में मेडिकल उपचार के लिए सही समय पर पहुंचाना हैं. जिसकी सूचना एम्बुलेंस चालक से मिलती हैं. जिसके बाद रूट पर पड़ने वाले सभी चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मियों को अलर्ट कर मरीज को न्यूनतम समय में उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया जाता है.
नशा करके गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ चलेगा अभियान
बता दें, कि यातायात पुलिस नशा करके वाहन चलाने वालों के विरुद्ध अभियान चलाने जा रही है. ब्रेथ एनालाइजर के द्वारा चेक कर, शराब का सेवन कर वाहन चला रहे चालकों के विरुद्ध एमवी एक्ट के कार्रवाई की जाएगी. साथ ही स्कूल में छात्रों से मिलकर उनको ट्रैफिक नियमों की जानकारी देकर उन्हे जागरूक किया जा रहा है.
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