मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए योगी सरकार अलग-अलग कवायद कर रही है. इसी कड़ी में चित्रकूट के कुछ किसानों को हैदराबाद भेजा गया है.
Trending Photos
चित्रकूट: कृषि विभाग चित्रकूट की तरफ से आधा सैकड़ा किसान मोटे अनाज के उत्पादन की विधियां सीखने हैदराबाद भेजे गए हैं. किसानों का यह प्रतिनिधिमंडल हैदराबाद के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलिट्री में मिलेट्स अनाजों की उपज और उत्पादों के संबंध में जानकारी लेंगे. उप कृषि निदेशक राजकुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि चित्रकूट के 50 किसानों को हैदराबाद के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलिट्री का भ्रमण करने के लिए भेजा गया है. इसमें किसानों को मोटे अनाजों की उपज और उनके उत्पादों के संबंध में जानकारी दी जाएगी. इससे बुंदेलखंड के चित्रकूट में किसान मोटे अनाजों को फिर से उत्पादन के लिए प्रोत्साहित होंगे.
योगी सरकार ने शुरू की योजना
मोटे अनाज के महत्व को समझते हुए केंद्र सरकार ने 2018 को मोटे अनाज का वर्ष घोषित किया था. मोदी सरकार की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज का वर्ष घोषित कर चुका है. केंद्र की इस महात्वाकांक्षी योजना पर योगी सरकार काफी सक्रिय है. मोटे अनाज कोदो, कुटुकी, रागी और बाजरा के उत्पादन में जहां लागत कम होती है. वहीं इनमें मौजूद पोषक तत्व सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं. अन्तरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष (2023) के मद्देनजर योगी सरकार "मिलेट्स पुनरोद्धार योजना भी शुरू की है.
शासन स्तर पर संभावित जिलों में मोटे अनाजों का रकबा बढ़ाने के लिए ब्लॉक स्तर की रणनीतिक तैयार की जा रही है. कृषि विभाग पहले ही इन अनाजों का रकबा 21 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 25 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य तय कर चुका है. एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में लगभग 40 लाख हेक्टेयर ऐसी जमीन है जहां मोटे अनाजों की खेती की संभावना काफी है.अब जरुरत इस बात की है कि रकबा बढ़ाने के साथ किसानों को समय पर गुणवत्तायुक्त बीज और ट्रेनिंग मुहैया कराई जाए.
Watch :अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान पर तोड़ी चुप्पी, विपक्ष पर साधा निशाना