कानपुर देहात में जिला प्रशासन द्वारा पराली की समस्या से निजात दिलाने के लिए एक अनोखी मुहिम शुरू की गई. इसमें पराली के बदले किसानों को गोबर खाद मिलता है.
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आलोक त्रिपाठी/ कानपुर देहात: कानपुर देहात में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी नेहा जैन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने एक नई पहल शुरू की थी. इसके तहत किसानों को 2 ट्रॉली पराली के बदले एक ट्रॉली गोबर की खाद दिए जाने की योजना बनाई गई थी. यह योजना अब सफलता की ओर आगे बढ़ रही है.डीएम नेहा जैन ने कलेक्ट्रेट परिसर से पराली दान करने को पहुंचे किसानों के ट्रैक्टर को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. इन गौशालाओं को पराली दान करने वाले कृषकों को दो ट्राली पराली देने पर एक ट्राली गोबर की खाद भी उपलब्ध करवाई गई.
प्रदूषण की समस्या से भी निजात
जिलाधिकारी नेहा जैन ने मौके पर मौजूद किसानों से अपील की कि वह न तो स्वयं पराली जलाएं और न ही अन्य किसी व्यक्ति को पराली जलाने दें. उनके द्वारा बताया गया कि पराली जलाने से जंहा एक ओर मिट्टी की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. वहीं दूसरी ओर पर्यावरण भी प्रदूषित होता है. पराली जलाने से भूमि मे रहने वाले मित्र कीट जैसे केंचुए आदि भी नष्ट हो जाते हैं. जनपद के प्रगतिशील कृषकों से पराली को जलाने के स्थान पर निराश्रित गोवंश स्थलों पर दान करने अथवा कृषि विभाग द्वारा नि:शुल्क वितरित वेस्ट डीकम्पोजर का उपयोग कर जैविक उर्वरक के प्रयोग करने की अपील की गयी.
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प्रगतिशील किसानों की पहल
कृषि विभाग द्वारा किसानों को पराली जलाने के स्थान पर निराश्रित गोवंश स्थलों पर दान करने की अपील पर प्रगतिशील कृषक एवं ग्राम प्रधान कुलदीप पाण्डेय ने दो ट्राली पराली नरिहा गौशाला को प्रगतिशील कृषक बृजगोपाल यादव ने दो ट्राली पराली कान्हा नदी गौशाला नबीपुर को दान की है.
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