Ghaziabad : जमीन पर कब्जे से परेशान किसान ने खुद को मौत के घाट उतारा, तहसील दिवस पर उठाया ये कदम
Advertisement

Ghaziabad : जमीन पर कब्जे से परेशान किसान ने खुद को मौत के घाट उतारा, तहसील दिवस पर उठाया ये कदम

गाजियाबाद के मोदीनगर में लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए तहसील दिवस का आयोजन किया गया था. लेकिन यहां एक किसान ने नस काटकर खुद को मौत के घाट उतार लिया. 

Ghaziabad : जमीन पर कब्जे से परेशान किसान ने खुद को मौत के घाट उतारा, तहसील दिवस पर उठाया ये कदम

गाजियाबाद : दिल्ली से सटे गाजियाबाद के मोदीनगर में समाधान दिवस के दौरान किसान ने खुद को मौत के घाट उतार लिया. बताया जा रहा है कि किसान ने समस्या का समाधान ना होने पर अपनी कलाई की नस काट ली. किसान की इलाज के दौरान मौत हो गई. संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान सुशील कुमार नामक किसान अपनी फरियाद लेकर अधिकारियों के पास पहुंचा था. बताया जा रहा है कि किसान ने उप जिलाधिकारी को बताया कि उसकी भूमि पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है, जिसकी वजह से उसके कृषि भूमि कम हो गई है. अतः लेखपाल को मौके पर भेज कर उसकी जमीन की नपाई कराई जाए. लेकिन उसकी समस्या का समाधान ना होने पर किसान को ये बात नागवार गुजरी और उसने अपने हाथ की कलाई काट ली.

आरोप में कितनी सच्चाई

हालांकि आनन-फानन में अधिकारियों ने किसान को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया. यहां इलाज के दौरान किसान की मौत हो गई. लोगों का कहना है कि किसान का कहना था कि काफी समय से तहसील परिसर के चक्कर लगा रहा है. आरोप लगाया जा रहा है कि लेखपाल ने आर्थिक लाभ के चलते बार-बार गलत रिपोर्ट लगाकर भेजी थी. इसकी वजह से उसे न्याय नहीं मिल पाया. बताया जा रहा है कि किसान आबादी की संपत्ति की पैमाइश कराने की मांग कर रहे थे.

मृतक सुशील कुमार मुजफ्फरनगर का रहने वाला है और उसने मुरादनगर के डिंडोली ग्राम में कृषि भूमि ली हुई है. हालांकि किसान की मौत के पीछे समस्या के समाधान न होने को जिस तरह वजह बताया जा रहा है, उसमें कितनी सच्चाई है, यह तो जांच का विषय है.  
यह भी पढ़ें: UP govt Job: 2382 पदों पर डॉक्टरों की होगी भर्ती, लोक सेवा आयोग में भेजा गया प्रस्ताव

घटना की जानकारी मिलते ही तहसील में हड़कंप मच गया. एसडीएम शुभांगी शुक्ला के मुताबिक किसान की शिकायत पर मौके पर राजस्व विभाग की टीम को भेजा गया था, नापतौल भी कराई गई थी. लेकिन जिन लोगों पर आरोप लगाया गया था, उनका पक्ष सुनकर ही किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकता.

WATCH: वित्तीय वर्ष के पहले दिन सस्ती हुई रसोई गैस, LPG कमर्शियल सिलिंडर के दाम 91.5 रुपये घटे

Trending news