रबी सीजन की फसलों की बुआई शुरू हो गई है. इस बीच जगह-जगह नकली खाद बेचने वालों पर प्रशासन कार्रवाई कर रहा है. ऐसे में आप भी सावधान रहें.
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दिलीप मिश्रा/लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी के राजापुर इंडस्ट्रियल एरिया में अवैध खाद फैक्ट्री का खुलासा हुआ है. भारी तादाद में पुलिस बल के साथ कृषि विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में छापेमारी की गई. इस दौरान हजारों के संख्या में तैयार नकली खाद की बोरियां बरामद की गई हैं. मौके से प्रशासन ने भारी मात्रा में मौरंग बालू के साथ पीसा हुआ ईट का मिश्रण और चूना भी बरामद किया गया है. इसे मिलाकर नकली खाद तैयार की जाती थी. छापेमारी के दौरान पुलिस ने इस अवैध काम में लगे 2 दर्जन लोगो को हिरासत में लिया है.
सिद्धार्थनगर में भी कार्रवाई
जिले में खाद की कालाबाजारी और डुप्लीकेट खाद को लेकर भारत-नेपाल सीमा से सटे करीब दर्जनभर खाद की दुकानों पर छापेमारी की गई. जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह की अगुवाई में की गई इस छापेमारी में दुकानों में उपलब्ध फर्टिलाइजर के सैंपल लिए गए. स्टॉक रजिस्टर के अनुसार स्टॉक का मिलान किया गया. जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह ने कहा कि इस वक्त जिले में फर्टिलाइजर की मांग है. किसानों को उचित दाम पर उचित खाद उपलब्ध हो इसको लेकर यह छापेमारी की जा रही है. पड़ोसी मुल्क नेपाल में खाद की तस्करी ना हो इसे रोकने के लिए भी दुकानदारों को सख्त हिदायत दी गई है. उन्होंने कहा कि खाद की डुप्लीकेसी को लेकर भी कदम उठाए जा रहे हैं.
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ऐसे करें असली और नकली खाद की पहचान
जानकारों की मानें तो असली डीएपी काले और हल्के भूरे रंग, सख्त और दानेदार होती है. इसे यदि आप नाखून से तोड़ने का प्रयास करें और यह सरलता से नहीं टूटे तो जान लें कि यह खाद नकली है. इसी तरह यूरिया के दाने एक समान और गोल होते हैं. यह सफेद और चमकदार होती है. यूरिया पानी में पूरी तरह से घुल जाता है,इसका घोल छूने पर ठंडा लगता है. डीएपी और यूरिया की तरह ही पोटाश की असली पहचान इसका सफेद नमक और लाल मिर्च जैसा मिश्रण होना है. पोटाश के कुछ दानों पर पानी की कुछ बूंदें डालने पर यदि यह आपस में चिपक जाएं तो समझ लें कि यह नकली पोटाश है.
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