70 साल की बुजुर्ग महिला ने अनहोनी होने से बचाई! देखी टूटी पटरी तो अपनी ही लाल साड़ी उतारकर रोकी ट्रेन
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70 साल की बुजुर्ग महिला ने अनहोनी होने से बचाई! देखी टूटी पटरी तो अपनी ही लाल साड़ी उतारकर रोकी ट्रेन

Old woman stopped train with red saree: बताया जा रहा है कि पहले ओमवती ने लोको पायलट को साड़ी दिखाकर रुकने का संकेत दिया. वह पटरी पर खड़े होकर ट्रेन के सामने साड़ी लहराती रहीं. फिर, लकड़ी लेकर दोनों ओर लाल साड़ी बांध दी. लोको पायलट ने संकेत समझ लिया और टूटे ट्रैक तक पहुंचने से पहले ही ट्रेन रोक दी.

70 साल की बुजुर्ग महिला ने अनहोनी होने से बचाई! देखी टूटी पटरी तो अपनी ही लाल साड़ी उतारकर रोकी ट्रेन

एटा: उत्तर प्रदेश के एटा में एक बड़ा ट्रेन हादसा होने से बच गया. इसका श्रेय जाता है 70 साल की एक बुजुर्ग महिला ओमवती को, जिनकी सूझबूझ से कई जानें बच गईं. दरअसल, वृद्ध महिला ओमवती जलेसर रेलवे स्टेशन के पास थीं, जब उन्होंने देखा कि ट्रैक बीच में से टूटा हुआ है. अगर इसपर कोई ट्रेन आई तो बड़ा हादसा हो सकता है. ट्रेन भी आने वाली थी. ऐसे में पहले तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया कि क्या करना चाहिए. फिर थोड़ा दिमाग लगाया और एक आइडिया निकाला. उन्होंने लाल साड़ी पहनी हुई थी, जिसे उतारकर ओमवती ने पटरियों के दोनों तरफ से बांध दिया. 

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मामला गुरुवार सुबह 8.00 बजे का है. एटा-जलेसर-टूंडला पैसेंजर ट्रेन एटा से चलकर टूंडला जा रही थी. कुशवाह गांव में पटरी टूटी हुई थी. गुलरिया गांव की रहने वाली ओमवती उसी रास्ते से अपने खेत की ओर जा रही थीं. उनका ध्यान टूटी पटरी पर गया और देखा कि ट्रेन भी आने वाली है. अनहोनी को रोकने के लिए उन्होंने फौरन एक बड़ा फैसला लिया और अपनी लाल साड़ी से ट्रेन रोक दी.

लोको पायलट को दिखाई साड़ी और रुकवाई ट्रेन
बताया जा रहा है कि पहले ओमवती ने लोको पायलट को साड़ी दिखाकर रुकने का संकेत दिया. वह पटरी पर खड़े होकर ट्रेन के सामने साड़ी लहराती रहीं. फिर, लकड़ी लेकर दोनों ओर लाल साड़ी बांध दी. लोको पायलट ने संकेत समझ लिया और टूटे ट्रैक तक पहुंचने से पहले ही ट्रेन रोक दी.

यात्री भी ट्रेन से उतरे और की महिला की तारीफ
बताया जा रहा है कि जैसे ही ट्रेन रुकी, कुछ यात्री बाहर निकले. जब उन्हें पता चला कि ओमवती की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से बच गया, तो उन्होंने महिला की सराहना की और धन्यवाद दिया. 

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डेढ़ घंटे तक रोकी गई ट्रेन
जानकारी के मुताबिक, कुशवाह गांव में ही ट्रेन को 1.30 घंटे तक रोककर रखा गया. स्टेशन मास्टर ने तुरंत कर्मचारियों को भेजा और पटरी की मरम्मत कराई गई. फिर ट्रेन रवाना हो सकी. स्टेशन मास्टर ने मीडिया को बताया कि सूचना मिलते ही तत्काल प्रभाव से पटरी की मरम्मत कराई गई. महिला ओमवती ने साहस और समझदारी का परिचय दिया.

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