Bijnor news: पशु क्रूरता के आरोप में बिजनौर एसडीएम (SDM) ने किसानों पर दर्ज कराया केस. बताते हैं क्या है पूरा मामला.
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राजीव चौधरी/बिजनौर: उत्तर प्रदेश के किसान इन दिनों आवारा पशु यानी छुट्टा पशु या अन्ना पशुओं से खासे परेशान हैं. आवारा पशु खेत में घुसकर किसानों के खून पसीने से तैयार की गई फसलों को नुकसान पहुंचा देते हैं. इससे बचने के लिए बिजनौर में किसानों ने आवारा पशुओं को गांव के एक सरकारी स्कूल में बंद कर दिया था. ऐसे में एक चौंकाने वाली खबर आई है. यहां प्रशासन द्वारा आवारा पशुओं को बंद करने के आरोप में ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है.
सरकारी स्कूल में पशुओं को बांधा
मामला अफजलगढ़ ब्लाक के जामुन वाला गांव का है. बताया जा रहा है यहां फसल बर्बाद होने से गुस्साए किसानों ने आवारा पशुओं को घेरकर गांव के सरकारी प्राथमिक स्कूल में बांध दिया था. प्रशासन को जैसे ही स्कूल में पशुओं के बंधे होने की सूचना मिली तो प्रशासनिक अमला स्कूल की ओर दौड़. यहां प्रशासन के कर्मचारियों ने 40 आवारा छुट्टा पशुओं को स्कूल से निकलवाया. जानकारी के मुताबिक पशुओं को वाहन में लाद पास की गौशाला में शिफ्ट किया जा रहा है. ग्रामीणों पर आरोप है कि उन्होंने प्राइमरी स्कूल में पशुओं को बांधकर शिक्षण कार्य को बाधित किया है. साथ ही पशुओं के साथ क्रुरता की है.
एसडीएम के दर्ज कराया मुकदमा
इस पूरे मामले में एसडीएम धामपुर मनोज कुमार ने 15 ग्रामीणों के खिलाफ अफजलगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. ग्रामीणों पर पशु क्रूरता अधिनियम के साथ सरकारी काम में बाधा डालने की संगीन धाराओं में केस दर्ज कर लिया है.
आवारा पशुओं का कहर जारी
आवारा पशुओं उत्तर प्रदेश में चिंता का विषय बने हुए हैं. राज्य सरकार अन्ना पशुओं की देख-रेख के लिए गौशाला संचालित कर रही है. इस बाबत प्रदेश की सरकार द्वारा गौशालाओं को अनुदान भी दिया जाता है. इसके बावजूद भी राज्य में अन्ना पशुओं का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है. किसान इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. किसान अन्ना पशुओं के रात-रात भर जागकर अपनी फसल की रखवाली कर रहे है. साथ ही कई तरीके के उपाय भी कर रहे हैं जैसे खेत के चारों तरफ बाढ़ लगाना आदि.
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