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नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिला कारागार में आईपीएल की तरह ही जेपीएल यानी जेल प्रीमियर लीग का बेहद दिलचस्प आयोजन किया गया. कभी चाकू और बंदूक का इस्तेमाल करके आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर जेल तक पहुंचने वाले बंदियों ने बैट और बॉल को थामा. मैच बेहद रोमांचक रहा.
जेल में जेपीएल का आयोजन
दरअसल, बाराबंकी जिला कारागार में बीते करीब एक हफ्ते से जेपीएल का आयोजन हो रहा था. जिसमें बंदी और जेल स्टाफ की 10 टीमों ने हिस्सा लिया. जिसका फाइनल मुकाबला कैदियों की तेंदुलकर टीम और जेल स्टाफ की द्रविड़ टीम के बीच हुआ. 10 ओवर के फाइनल मैच में जेल स्टाफ की द्रविड़ टीम ने 60 रन बनाये और 61 रन का लक्ष्य बंदियों की तेंदुलकर टीम के सामने रखा. जिसे तेंदुलकर टीम ने केवल 2 विकेट खोकर हासिल कर लिया. इस मैच के दौरान जबरदस्त रोमांच और खेल भावना नजर आई.
इस फाइनल मुकाबले में जुर्म की दुनिया के खिलाड़ियों ने क्रिकेट ग्राउंड में जमकर चौके छक्के लगाए और जेल स्टाफ की टीम के पसीने छुड़ा दिए. इस लीग के आयोजन में बाराबंकी जिला कारागार में तैनात वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीपी सिंह और जेलर आलोक शुक्ला ने अहम भूमिका निभाई. जबकि डिप्टी जेलर मनीष कुमार सिंह खुद जेल स्टाफ की द्रविड़ टीम के कैप्टन रहे.
डिप्टी जेलर मनीष कुमार सिंह ने बताया कि हमारे कैदी भाइयों ने एकदम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर्स की तरह प्रदर्शन किया और एक शानदार मैच में हमारी टीम को परास्त किया है. वहीं कैदियों की तेंदुलकर टीम की कप्तानी कर रहे कृष्णदेव मिश्रा ने इस मैच के लिये जेल अधीक्षक और अन्य स्टाफ का आभार जताया. उन्होंने बताया कि इस तरह के आयोजन से हमारा मानसिक तनाव काफी कम हुआ और हम लोगों ने काफी एन्जॉय किया.
जेल अधीक्षक ने की हौंसला अफजाई
वहीं इस लीग के दौरान वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीपी सिंह और जेलर आलोक शुक्ला भी मौजूद रहे जिन्होंने मैच खेल रहे कैदियों और जेल स्टाफ की जमकर हौंसला अफजाई की. जेल अधीक्षक पीपी सिंह की मानें तो कैदियों को मानसिक अवसाद से बाहर निकालने और उनकी मनोदशा सुधारने के लिए जिला कारागार में जेल प्रीमियर लीग का आयोजन किया गया. इसमें बंदियों ने लगातार शानदार प्रदर्शन किया और आज फाइनल मैच में जेल स्टाफ की टीम को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया है.