समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को 27 अक्तूबर को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने नफरत भरा भाषण देने के मामले में दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई थी. साथ ही 6 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
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बरेली : यूपी के रामपुर की जिला एवं सत्र अदालत ने नफरत भरा भाषण देने के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को एमपी/एमएलए अदालत से मिली 3 साल की सजा को चुनौती देने वाली याचिका गुरुवार को खारिज कर दी. शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक दुबे ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आजम की याचिका खारिज करते हुए उन्हें एमपी/एमएलए अदालत से मिली 3 साल की सजा को बरकरार रखा है.
उच्चतम न्यायालय ने आजम की अपील पर फैसला करने का दिया था निर्देश
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को रामपुर जिला एवं सत्र अदालत को आजम खान की अपील पर फैसला करने के निर्देश दिए थे. चुनाव आयोग को यह भी निर्देश दिया था कि वह रामपुर सदर सीट के उपचुनाव के लिए 10 नवंबर तक अधिसूचना जारी न करे. इस पर आयोग ने अगले आदेश तक अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी थी. आजम ने नफरत भरा भाषण देने के मामले में खुद को विशेष एमपी/एमएलए अदालत से मिली तीन साल की सजा को रामपुर जिला एवं सत्र अदालत में बुधवार को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी. अपील में आजम ने खुद को मिली सजा पर रोक लगाने के आदेश देने का आग्रह किया है ताकि उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल की जा सके.
3 साल कैद की सजा सुनाई गई थी
रामपुर की विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने 27 अक्टूबर को आजम खान को वर्ष 2019 में नफरत भरा भाषण देने के मामले में 3 साल कैद की सजा सुनाई थी. यह फैसला होने के फौरन बाद लोक प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधान के तहत उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई थी. साथ ही विधानसभा सचिवालय ने रामपुर सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया था. चुनाव आयोग ने हाल ही में रामपुर सदर विधानसभा सीट के उप चुनाव का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है. इसके तहत इस सीट के उपचुनाव के लिए आगामी पांच दिसंबर को मतदान होगा.
16 नवंबर तक अंतरिम जमानत
आजम के वकील विनोद शर्मा ने बताया कि रामपुर जिला एवं सत्र अदालत ने खान की अपील मंजूर करते हुए उन्हें 16 नवंबर तक अंतरिम जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने बुधवार को विशेष सत्र अदालत को अपनी सजा पर रोक लगाने की आजम की अपील पर गुरुवार को सुनवाई करके फैसला करने के निर्देश दिए थे. उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि चुनाव आयोग आजम खान की अपील पर सत्र अदालत का फैसला आने के बाद 11 नवंबर या उसके बाद उपचुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है.