Arya Samaj Marriage Certificate: आर्य समाज मंदिर में की गईं शादियों का सर्टिफिकेट काफी प्रचलन में तो है, लेकिन कोर्ट ने इसकी वैधता को नकार दिया है. अब सवाल यह उठता है कि अगर ये प्रमाणपत्र शादी की वैधता साबित करने के लिए नाकाफी हैं, तो सही तरीका क्या है? साथ ही यह भी जानते हैं आर्य समाज में शादी कैसे की जाती हैं.
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Arya Samaj Marriage Certificate: सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद से ही आर्य समाज मंदिरों में किए जाने वाले विवाह चर्चा का विषय बन गए हैं. दरअसल, कोर्ट के पास एक केस आया, जिसमें आर्य समाज की ओर से जारी किए गए मैरिज सर्टिफिकेट को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने साफ कहा है कि आर्य समाज के पास विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार नहीं है. लोग कहते हैं कि आर्य समाज में शादी करना आसान है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लोगों में असमंजस का माहौल है. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि आर्य समाज में मैरिज सर्टिफिकेट कैसे दिए जाते हैं.
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कैसी होती है आर्य समाज में शादी
आर्य समाज में होने वाली शादी भी हिन्दू शादियों की ही तरह होती है. इसमें अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए जाते हैं. आर्य समाज का विश्वास मूर्ति पूजा में नहीं है, लेकिन यह हिन्दू धर्म का ही भाग माना जाता है. बताया जाता है कि इसमें हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख समुदाय जैसी परंपराएं होती हैं. आर्य समाज में कोई भी हिन्दू किसी भी जाति के व्यक्ति से विवाह रचा सकता है. हालांकि, इस धर्म में मुस्लिम, ईसाई, पारसी या यहूदी शादी नहीं कर सकते.
शादी से पहले आर्य समाज मंदिर में देने होते हैं प्रूफ
इसके अलावा, आर्य समाज मंदिर में शादी करने के लिए लड़के की उम्र 21 और लड़की की उम्र कम से कम 18 साल होती है. बता दें, इस समाज में शादी करने के लिए एक प्रोसेस होता है, जिसे फॉलो करना जरूरी है. इसके लिए भी आपको पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन से पहले लड़के और लड़की के कानूनी दस्तावेजों की जांच होती है. वहीं, कुछ शर्तें भी माननी होती हैं. इस प्रोसेस में एज सर्टिफिकेट के साथ यह प्रूफ भी देना होगा कि व्यक्ति का पति/पत्नी जीवित नहीं है. वहीं, यह भी बताना होगा कि किसी की दिमागी स्थिति खराब नहीं है.
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कोर्ट में शादी का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी
आर्य समाज मंदिर में की गईं शादियां और उसका सर्टिफिकेट काफी प्रचलन में है. कोर्ट के पास रोजाना ही ये सर्टिफिकेट आते रहते हैं, जो शादी की वैधता का दावा करते हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब इन्हीं प्रमाणपत्रों पर सवालिया निशान खड़े किए हैं. साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा है कि ये प्रमाणपत्र शादी की वैधता साबित करने के लिए नाकाफी हैं. आर्य समाज मंदिर में शादी के बाद जोड़े को कोर्ट में अपना विवाह रजिस्टर कराना होगा. बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बिना हो रहीं शादियां
हाई कोर्ट ने कहा कि आर्य समाज की अलग-अलग सोसायटी में जो मैरिज सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं, उन पर कोर्ट के सवाल बढ़ते जा रहे हैं. ये संस्थाएं डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बिना ही शादियां करा रही हैं. ऐसे में कोर्ट का कहना है कि केवल आर्य समाज मंदिर में शादी का सर्टिफिकेट उसको वैध साबित नहीं कर सकता. कोर्ट में पंजीकरण जरूरी है.
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