Bijli Hadtal : यूपी में बिजली कर्मियों की हड़ताल समाप्त, ऊर्जा मंत्री से वार्ता के बाद संघर्ष समिति का फैसला
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Bijli Hadtal : यूपी में बिजली कर्मियों की हड़ताल समाप्त, ऊर्जा मंत्री से वार्ता के बाद संघर्ष समिति का फैसला

UP Electricity Workers Strike Ends : रविवार को आखिरकार प्रदेश में बिजली कर्मियों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला किया.  ऊर्जा मंत्री के साथ बातचीत में बिजली कर्मियों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने समेत अनेक मुद्दों पर सहमति बनी है.

अरविंद कुमार शर्मा, ऊर्जा मंत्री, उत्तर प्रदेश

UP Electricity Workers Strike Ends :लखनऊ : प्रदेश में जारी बिजली कर्मियों की हड़ताल रविवार को आखिरकार समाप्त हो गई. नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री बिजलीकर्मियों के नेताओं के साथ बैठक करने पहुंचे. ऊर्जामंत्री अरविंद शर्मा ने जल निगम के फील्ड हॉस्टल संगम में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की. मंत्री के साथ चर्चा के बाद संघर्ष समिति ने एक दिन पहले कार्य बहिष्कार आंदोलन को वापस लिया. बैठक में शैलेष दुबे ने इसकी घोषणा की है. सुबह बिजली संगठनों और मंत्री के बीच बातचीत नहीं हो सकी थी. लेकिन बाद में ऊर्जा मंत्री अचानक बातचीत करने पहुंचे.  बिजलीकर्मियों पर मुकदमे वापस लिए जाएंगे पुराने समझौते पर बातचीत हुई है. 

ऊर्जा मंत्री ने क्या कहा
इससे पहले विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के साथ पिछली विशेष वार्ता दिसम्बर महीने हुई थी. दिसम्बर महीने में ही कर्मचारियों ने हड़ताल की चेतावनी दी थी. बताया जा रहा है कि दिसम्बर में जो समझौता हुआ था उनके कुछ बिंदु पर सहमति थी. इसी बीच हड़ताल का ऐलान हो गया. ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि ''संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का धन्यवाद देता हूँ कि मुख्यमंत्री की भावनाओं का सम्मान रखा गया. हड़ताल एक दिन पहले वापस लिया है. आशा करता हूं कि कर्मचारी तुरंत कार्यभार संभालेंगे.जहां समस्या हुई है उसे तत्काल दूर किया जाए. मैंन कहा है कि उनकी मांगों को लेकर पूरा प्रबंधन सतर्क है बातचीत करके हल निकाला जाएगा. मुकदमे वापस लिए जाने के लिए चेयरमैन को निर्देश दिया गया है.'' 

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प्रदेश में करीब एक लाख कर्मचारी हड़ताल पर थे.  कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से पूरे प्रदेश में बिजली आपर्ति पर असर पड़ा था. हालांकि सरकार पहले दिन से ही हड़ताली कर्मचारियों पर सख्त रही. यहां तक की सैकड़ों संविदा कर्मियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया गया. वहीं लापरवाह कंपनियों पर मुकदमा भी दर्ज किया  गया. 

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