भैंस के दूध में मिलावट पर 32 साल बाद दूधवाले को सजा, कोर्ट ने 5 हजार का जुर्माना भी लगाया
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भैंस के दूध में मिलावट पर 32 साल बाद दूधवाले को सजा, कोर्ट ने 5 हजार का जुर्माना भी लगाया

दूध में मिलावट की घटना कोई नई बात नहीं है. लेकिन मुज्जफरनगर की अदालत ने 32 साल बाद मिलावट करने वाले एक शख्स को 6 माह की सजा सुनाई है. जानिए क्या है पूरा मामला.

भैंस के दूध में मिलावट पर 32 साल बाद दूधवाले को सजा, कोर्ट ने 5 हजार का जुर्माना भी लगाया

मुजफ्फरनगर: जनपद मुजफ्फरनगर की अदालत ने 32 साल बाद भैंस के दूध में मिलावट करने के मामले में एक आरोपी को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने आरोपी को 6 माह कैद की सजा सुनाई है. दोषी पर 5 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. दूध में मिलावट की घटना के बाद कोर्ट का फैसला 32 साल बाद आया है. दरअसल जनपद मुज्जफरनगर के खतौली कस्बे की पटेल नगर कॉलोनी में 21 अप्रैल 1990 में भैंस के दूध में मिलावट की शिकायत पर एक दूधिया हरवीर द्वारा बेचे जा रहे दूध की सेंपलिंग की गई थी जिसे परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेज दिया गया था, जिसकी जांच में सैंपलिंग में दूध का सैंपल फेल पाया गया था. जांच रिपोर्ट में दूध में मिलावट पाई गई थी, जिस पर आरोपी दूधिया के विरुद्ध वाद दायर किया गया था, जिसमे सहायक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम प्रशांत कुमार की कोर्ट में वाद चल रहा था. जिसकी पैरवी सरकारी अधिवक्ता द्वारा की गई. कोर्ट ने 32 साल बाद अपना फैसला सुनाते हुए दूधिया हरवीर को मिलावट का दोषी मानते हुए 6 माह की कैद की सजा व 5 हजार का जुर्माना लगाते सजा का ऐलान कर दिया है.

इस मामले की जानकारी देते हुए अभियोजन अधिकारी राम अवतार सिंह ने बताया कि मामले की सुनवाई सहायक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम प्रशांत कुमार की कोर्ट में हुई. बताया कि दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद पेश किए गए सबूत के आधार पर कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए हरवीर को मिलावट का दोषी पाया. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने हरवीर को 6 माह कैद की सजा सुनाई और उस पर 5 हजार का जुर्माना भी लगाया.

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