Gold Hallmarking : सोने के गहनों होगा 6 अंकों का कोड, सुनार भी गोल्ड ज्वेलरी में हेरफेर नहीं कर पाएगा,
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Gold Hallmarking : सोने के गहनों होगा 6 अंकों का कोड, सुनार भी गोल्ड ज्वेलरी में हेरफेर नहीं कर पाएगा,

Gold Hallmarking New Rules : सोने के गहनों की शुद्धता का पैमाना कहे जाने वाले हॉलमार्क पर सरकार ने सख्ती कर दी है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, अब बिना हॉलमार्किंग गोल्ड ज्वेलरी कतई नहीं बिक सकेगी.

Gold Hallmarking Rules Mandatory

Gold Hallmarking Rules 2023 : सोने चांदी के आभूषण खरीदारों को शुद्धता की गारंटी देने वाले हॉलमार्किंग पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने कहा है कि 31 मार्च 2023 के बाद कहीं भी 6 डिजिट के कोड वाली हॉलमार्किंग के बिना गोल्ड ज्वेलरी नहीं बिक सकेगी. उपभोक्ता मामले विभाग के उपभोक्ता हित में ये फ़ैसला लिया है. इसमें कहा गया है कि 31 मार्च 2023 के बाद बिना हॉलमार्क वाले गोल्ड के  गहने (Gold Jewelery) नहीं बिक सकेंगे.

1 अप्रैल से गोल्ड ज्वेलरी और सोने से बने सामान (gold jewellery and gold artefacts) पर अगर 6 डिजिट का कोड (6 digit alphanumeric HUID) नहीं होगा तो उसकी बिक्री नहीं हो सकेगी. उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने गांव कस्बों और छोटी दुकानों में भी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए यह दिशानिर्देश जारी किया है. इसे सोने के गहनों के लिए यूनीक आईडी (Unique Authentication ID) समझिए. इसके जरिये सोने की शुद्धता की गारंटी के साथ, उसके बनने, बेचने और खरीदने वाले का भी पूरा रिकॉर्ड रहेगा. उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल की अगुवाई में हुई बैठक के बाद ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स Bureau of Indian Standards (BIS) ने यह फैसला लिया है. 

नए फैसले के बाद 1 अप्रैल से सिर्फ HUID हॉलमार्क वाले गोल्ड और गहने ही बेचने की इजाजत होगी. दरअसल सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने के लिए करीब डेढ़ साल पहले कवायद शुरू की थी. लेकिन इसे दिल्ली मुंबई जैसे बड़े शहरों में ही अनिवार्य बनाया था. तब कारोबारियों ने छोटे शहरों में हॉलमार्किंग सेंटर न होने जैसी दलीलें दी थीं.

इस कारण सरकार ने उन्हें थोड़े समय की मोहलत दी थी. लेकिन अभ पर्याप्त संख्या में गोल्ड हॉलमार्क सेंटर बनने के बाद इसे पूरे देश के लिए लागू किया गया है. पहले स्वर्ण कारोबारियों ने पुराने गहनों का स्टॉक पड़े होने का तर्क भी दिया था. राहत की बात है कि सरकार ने ये फैसला सहालग का मौजूदा सीजन खत्म होने के बाद लागू किया है, ऐसे में सर्राफा बाजार में ज्यादा हलचल शायद नहीं होगी. 

हालांकि गोल्ड हॉलमार्किंग से सोने के आभूषणों की कीमत में बहुत ज्यादा फर्क नहीं आने वाला है. केंद्र सरकार ने इससे जुड़ी चिंताओं को पहले ही खारिज कर दिया है. गोल्ड हॉलमार्किंग से यह पता चलता है कि सोना कितने कैरेट का है, कब वो तैयार किया गया है. कहां से उसकी बिक्री हुई है.

गोल्ड हॉलमार्किंग को लेकर उपभोक्ता मंत्रालय ने सरकार ने रेट और केंद्र भी तय कर दिए थे. कारोबारियों और अन्य को हॉलमार्किंग सेंटर खोलने के लिए नियम शर्तों में ढील भी दी गई है. हालांकि छोटे शहरों और कस्बों में बिना हॉलमार्किंग के फुटकर सोना चांदी बिकने की परंपरा बदस्तूर जारी थी, लिहाजा धीरे-धीरे इस पर सरकार आगे बढ़ रही है, ताकि पूरे देश में एकसमान प्रणाली लागू रहे. 

 

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