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UP Politics : बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद के बाद अब मायावती ने हरियाणा की कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा को पार्टी ज्वॉइन करने का खुला ऑफर दे दिया है. बीजेपी के बाद अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा से हमदर्दी दिखाई है. मायावती का मानना है कि कांग्रेस और जातिवादी पार्टियां बुरे समय में दलितों को याद करती हैं. जैसे ही उनके अच्छे दिन आ जाते हैं वह दलितों से ध्यान हटा लेती हैं.
मायावती ने कांग्रेस नेता के लिए दिखाई हमदर्दी
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए इनको दलितों को मुख्यमंत्री व संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है. लेकिन ये पार्टियां, अपने अच्छे दिनों में, फिर इनको अधिकांशतः दरकिनार ही कर देती हैं तथा इनके स्थान पर, फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है, जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है.
बाबा साहेब अंबेडकर ने मंत्री पद छोड़ दिया था
मायावती ने आगे लिखा, जबकि ऐसे अपमानित हो रहे दलित नेताओं को अपने मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर से प्रेरणा लेकर इन्हें खुद ही ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए तथा अपने समाज को फिर ऐसी पार्टियों से दूर रखने के लिए उन्हें आगे भी आना चाहिए. क्योंकि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने देश के कमजोर वर्गों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की वजह से अपने केन्द्रीय कानून मन्त्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था.
...राज्यसभा पद से इस्तीफा दिया
जिनसे प्रेरित होकर फिर मैंने भी जिला सहारनपुर के दलित उत्पीड़न के मामले में इसकी हुई उपेक्षा तथा ना बोलने देने की स्थिति में, फिर मैंने इनके सम्मान व स्वाभिमान में अपने राज्यसभा सांसद से इस्तीफा भी दे दिया था. ऐसे में दलितों को बाबा साहेब के पदचिन्हों पर चलने की ही सलाह.
मायावती ने राहुल गांधी पर बोला हमला
मायावती ने लिखा, इसके इलावा कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियाँ शुरू से ही इनके आरक्षण के भी विरुद्ध रही हैं. राहुल गाँधी ने तो विदेश में जाकर इसको खत्म करने का ही एलान कर दिया है. ऐसी संविधान, आरक्षण व SC, ST, OBC विरोधी पार्टियों से ये लोग जरूर सचेत रहें.
1. देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए इनको दलितों को मुख्यमंत्री व संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है। 1/6
— Mayawati (@Mayawati) September 23, 2024
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