Kasganj Shiv Mandir: यूपी में महाभारत काल का वो शिव मंदिर, जहां स्वयंवर से पहले द्रौपदी ने महादेव को किया था खुश
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2359881

Kasganj Shiv Mandir: यूपी में महाभारत काल का वो शिव मंदिर, जहां स्वयंवर से पहले द्रौपदी ने महादेव को किया था खुश

Kasganj Shiv Mandir: आज बात करेंगे यूपी के एक ऐसे प्राचीन शिव मंदिर के बारे में जो कासगंज के कस्बा पटियाली में है. ये मंदिर मेहंदी वाला महादेव मंदिर के नाम से मशहूर है. माना जाता है कि यहां महाभारत काल के दौरान स्वयंवर से पहले द्रोपदी ने महादेव की आराधना की थी और उनसे वरदान भी लिया था. आइए पूरी कहानी जानते हैं.

Kasganj Mehndi Wala Mahadev Mandir

Kasganj Shiv Mandir: उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के कस्बा पटियाली में एक ऐसा प्राचीन शिव मंदिर है, जिसको लेकर श्रद्धालुओं में गहरी आस्था है. माना जाता है कि ये शिव मंदिर महाभारत काल का है. मान्यता है कि मेहंदी वाला महादेव मंदिर में स्वयंवर से पहले द्रोपदी ने भोलेनाथ की आराधना कर उनको प्रसन्न किया था. वैसे तो पूरे साल ही यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन सावन में इस मंदिर में दर्शन के लिए दूर-दूर से भी भक्त आते हैं. बताया जाता है कि द्वापर युग में गुरु द्रोणाचार्य के निर्देश पर कौरव-पांडवों ने इस शिव मंदिर की स्थापना कराई थी.

मंदिर की पौराणिक मान्यताएं
शास्त्रों के मुताबिक, राजा द्रुपद और गुरु द्रोणाचार्य बचपन के मित्र थे. एक बार द्रोणाचार्य की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई. उनके घर में खाने के लाले पड़ने लगे. वे अपनी पत्नी और बच्चों का भरण पोषण नहीं कर पा रहे थे. वे बहुत स्वाभिमानी थे, लेकिन पत्नी और बच्चों की भूख उनसे सहन नहीं हो पा रही थी. वे राजा द्रुपद से मांगने के लिए गए, लेकिन राजा द्रुपद ने अपमान कर दिया. उस अपमान के बाद गुरु द्रोण ने इसी स्थान पर महादेव की आराधना की थी.

क्यों पड़ा मेहंदी वाले महादेव नाम?
द्वापर कालीन इतिहास के मुताबिक, इसी मंदिर के एक तरफ गौरी माता का भी मंदिर है. जहां स्वयंवर से पहले द्रोपदी ने गौरी माता की स्तुति की थी. इसके साथ ही भगवान शिव की आराधना कर उनको भी प्रसन्न किया था, जिसके बाद द्रोपदी को पांच पतियों का वरदान मिला था. मंदिर के चारों तरफ मेहंदी के कई बाग होने की वजह से इसका नाम मेहंदी वाले महादेव पड़ा. 

यहां स्थित है ये शिवालय 
ये शिव मंदिर राजघाट रोड पर है. मंदिर जाने के लिए बाइपास हनुमान गढ़ी से होकर रास्ता जाता है. रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग ढाई किलोमीटर है. देश के कई हिस्सों से इस ऐतिहासिक मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं/ पौराणिक कथाओं पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.

यह भी पढ़ें: Fatehpur Shiv Mandir: धरती चीरकर प्रकट हुए महादेव, सावन में लगता है तांबेश्वर मंदिर में भक्तों और कांवड़ियों का मेला

यह भी पढ़ें: Ballia Shiv Mandir: यूपी का वो कामेश्वर धाम, जहां महादेव ने कामदेव को जलाकर कर दिया था भस्म

Trending news