योगी सरकार का राजस्व विभाग में क्रांतिकारी बदलाव,जरीब से नहीं अब ETS मशीन से होगी जमीन की नापजोख
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1254997

योगी सरकार का राजस्व विभाग में क्रांतिकारी बदलाव,जरीब से नहीं अब ETS मशीन से होगी जमीन की नापजोख

अभी तक लेखपाल या जमीनों की नाप जोख करने वाले लोग एक जंजीर नुमा यंत्र का प्रयोग करते चले आ रहे हैं. इसे जरीब कहा जाता है. ये लम्बाई नापने की एक इकाई है. ये एक जंजीर होती है, जो लोहे की बनी होती है. इसके दोनों सिरों पर पीतल के हैंडल लगे होते हैं. एक जरीब की स्टैंडर्ड लंबाई 66 फीट और 22 गज यानी 04 लट्ठे के बराबर होती है. 

योगी सरकार का राजस्व विभाग में क्रांतिकारी बदलाव,जरीब से नहीं अब ETS मशीन से होगी जमीन की नापजोख

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही राजस्व विभाग में बहुत बड़ा बदलाव करने जा रही है. इसका ऐलान खुद योगी सरकार में राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान ने किया. उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग को सरकार अब हाईटेक बनाएगी और बाबा आदम के जमाने से चले आ रहे तरीकों को बदलेगी. राजस्व राज्य मंत्री के मुताबिक अभी तक लेखपालों के द्वारा जरीब से जमीनों की पैमाइश की जाती रही है, जिसमें जनता अक्सर लेखपालों से संतुष्ट नहीं रहती थी और तमाम शिकायतें मिलती थीं. ऐसे में सरकार अब पैमाइश के पुराने तरीके को बंद करके ईटीएस मशीन से नापजोख कराएगी, जिससे जनता की संतुष्टी भी रहेगी और लेखपाल भी तमाम विवादों से बच सकेंगे.

ईटीएस (ETS) मशीन से होंगी जमीनों की पैमाइश
दरअसल राजस्व राज्यमंत्री अनूप प्रधान घरौनी एवं नि:शुल्क खतौनी वितरण कार्यक्रम में शिरकत करने बाराबंकी पहुंचे. इस दौरान उनके साथ खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश शर्मा और बाराबंकी से लोकसभा सांसद उपेंद्र रावत भी मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सैकड़ों लाभार्थियों को घरौनी और नि:शुल्क खतौनी वितरित की. साथ ही इस दौरान उन्होंने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग में जल्द ही एक क्रांतिकारी बदलाव होने जा रहा है, जिसके मुताबिक बाबा आदम के जमाने से जमीन की पैमाइश को लेकर चले आ रहे सिस्टम को अब हाईटेक बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि लेखपालों द्वारा की जाने वाली जमीनों की पैमाइश अब जरीब से नहीं बल्कि ईटीएस (ETS) मशीन से की जाएगी. इसके लिए जल्द ही हर तहसील को ट्रायल के लिए पांच-पांच ईटीएस मशीनें योगी सरकार उपलब्ध कराने जा रही हैं.

क्या होता है जरीब?
अभी तक लेखपाल या जमीनों की नाप जोख करने वाले लोग एक जंजीर नुमा यंत्र का प्रयोग करते चले आ रहे हैं. इसे जरीब कहा जाता है. ये लम्बाई नापने की एक इकाई है. ये एक जंजीर होती है, जो लोहे की बनी होती है. इसके दोनों सिरों पर पीतल के हैंडल लगे होते हैं. एक जरीब की स्टैंडर्ड लंबाई 66 फीट और 22 गज यानी 04 लट्ठे के बराबर होती है. इस जरीब में 100 कड़ियां होती हैं. एक लंबे जमाने से भूमि को नापने में इसी जरीब का प्रयोग होता आ रहा है, हालांकि कहीं-कहीं फीते का भी प्रयोग जमीन की पैमाइश के लिये किया जाता है.

गलती की संभावना होगी शून्य 
अब राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान के मुताबिक जमीनों की पैमाइश के तरीके में होने जा रहे इस ऐतिहासिक बदलाव के तहत ईटीएस डिजिटल यंत्र लेखपालों को मिलेगा, जिसको ऑपरेट करने पर लेजर किरणें निकलेंगी और किसी भी भुजा की लंबाई बिल्कुल एक्यूरेट नापी जा सकेगी. ईटीएस के प्रयोग से गलती की संभावना लगभग शून्य होगी. साथ ही पेमाइश के दौरान लेखपालों को लेकर जो तरह-तरह के आरोप लगते रहे हैं, उससे भी छुटकारा मिल सकेगा. राजस्व राज्यमंत्री अनूप प्रधान ने कहा कि जरीब से नाप जोख के दौरान राजस्वकर्मियों पर आरोप प्रत्यारोप लगते थे, लेकिन इस मशीन के आ जाने से समय की बचत होगी साथ ही पक्षकारों को भी संतुष्टि होगी.

WATCH LIVE TV

 

 

 

Trending news