कैसे तैयार होता है भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र, यूपी पुलिस कांस्टेबल एग्जाम कैंसल होने के बीच जानें पूरी प्रक्रिया
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कैसे तैयार होता है भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र, यूपी पुलिस कांस्टेबल एग्जाम कैंसल होने के बीच जानें पूरी प्रक्रिया

UP Police Constable Exam 2024: प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर सेट करने से लेकर छपने और परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने की प्रक्रिया बेहद गोपनीय रखी जाती है. हालांकि, इसके बाद भी अगर पेपर लीक हो जाए तो यह बड़ा सवाल है.

सांकेतिक तस्‍वीर

UP Police Constable Exam 2024: यूपी पुलिस की लिखित परीक्षा रद्द कर दी गई है. पूरे मामले में परीक्षा कराने वाली कंपनी पर सवाल उठाए जा रहे हैं. खबरें आईं कि परीक्षा के दोनों दिन दूसरी पाली के पेपर आउट हुए. पेपर छापने वाली कंपनी से लीक होने की बात कही जा रही है. तो आइये जानते हैं कैसे तैयार किया जाता है परीक्षा का पेपर और एग्‍जाम रद्द होने के बाद की प्रक्रिया क्‍या होती है. 

पेपर छपने की क्‍या है प्रक्रिया? 
दरअसल, प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर सेट करने से लेकर छपने और परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने की प्रक्रिया बेहद गोपनीय रखी जाती है. हालांकि, इसके बाद भी अगर पेपर लीक हो जाए तो यह बड़ा सवाल है. जानकारी के मुताबिक, पेपर सेट करने का काम परीक्षा की तारीख घोषित होने से कुछ ही दिन पहले शुरू किया जाता है. पेपर सेट तैयार करने से लेकर छपाई तक सारे काम कोड वर्ड में होता है. 

कोड वर्ड में होती है बातचीत 
पेपर्स की छपाई के लिए भी प्रिंटर के चयन में पूरी गोपनीयता बरती जाती है. कोड वर्ड में ही टेंडर इनवाइट किए जाते हैं. प्रिंटर का नाम फाइनल होने की जानकारी केवल भर्ती बोर्ड से जुड़े अधिकारियों के पास ही होती है. पेपर तैयार होने के बाद इसे मैन्युअली सेंटरों तक पहुंचाए जाते हैं. यही चूक होने की संभावना रहती है. दरअसल पेपर ले जाते समय सुरक्षा का उतना ख्‍याल नहीं रखा जाता है. 

सरकारी प्रेस में क्यों नहीं छपते पेपर
अब सवाल उठता है कि जब उत्तर प्रदेश में पेपर लीक की घटनाएं इतनी ज्यादा होती हैं, तो आखिरकार सरकारें प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर सरकारी प्रेस में क्यों नहीं छपवाते हैं. जब यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए करोड़ों उत्तर पुस्तिका राजकीय मुद्रणालय में छपाई जा सकती हैं, तो आखिरकार इन प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर क्यों नहीं छपवाए जाते. इन्हें क्यों निजी लोगों के हाथों में दे दिया जाता है. 

पहले भी इन परीक्षाओं के पेपर हो चुके हैं रद्द 
बता दें कि यूपी में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने और परीक्षाओं के रद्द होने का रिकॉर्ड बहुत पुराना है. साल 2016 में यूपी सरकार ने दारोगा, पीएसी प्लाटून कमांडर और फायर फाइटिंग अधिकारियों के लिए 3307 पदों पर भर्ती निकाली थी. इसकी परीक्षा जुलाई 2017 में होनी थी लेकिन परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया. इसके चलते परीक्षा रद्द करनी पड़ी. 

एलटी ग्रेड का पेपर लीक हुआ था 
वहीं, साल 2018 में यूपीएससी की एलटी ग्रेड की परीक्षा भी रद्द की गई थी. इस परीक्षा का हिंदी और सामाजिक विज्ञान का पेपर परीक्षा से 1 दिन पहले ही लीक हो गया था. इसी साल यूपीपीसीएल का भी पेपर लीक हो गया था. इसके बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया. 

नलकूप चालक की परीक्षा रद्द 
साल 2018 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के ही नलकूप चालक चयन परीक्षा का पेपर लीक हो गया था. इसके बाद आयोग ने परीक्षा रद्द कर दी थी. 2019 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लोअर सबोर्डिनेट परीक्षा को लेकर भी विवाद हुआ था, इस परीक्षा को भी बाद में रद्द करना पड़ा था. 

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